Ayodhya Ram Temple: 2025 की पहली छमाही में 23 करोड़ से ज्यादा रामभक्तों ने किये रामलला के दर्शन

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Published By Deepak Mishra
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लखनऊ। अयोध्या विश्व में आध्यात्मिक पर्यटन के विकास का एक सशक्त उदाहरण बनकर उभरा है जिसका प्रमाण है कि 2025 की पहली छमाही में ही राममंदिर में रामलला के दिव्य दर्शन के लिये 23 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु रामनगरी में अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो अयोध्या में लगातार पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है।

श्रीराम मंदिर बनने से पहले अयोध्या में साल 2023 में 5.75 करोड़ पर्यटक आए थे। राम मंदिर बनने के बाद 2024 में ये संख्या छलांग लगाकर 16 करोड़ के ऊपर पहुंच गई। और 2025 के पहले छह महीने में ही 23 करोड़ से ज़्यादा लोग रामलला के दर्शन कर चुके हैं। ताजमहल, वाराणसी, मथुरा, यहां तक कि कई बड़े देश भी इतने पर्यटक साल में नहीं खींचते हैं। अयोध्या में आस्था का जो जनसैलाब उमड़ता है उससे रेलवे स्टेशन छोटे पड़ रहे हैं और होटल भरे पड़े हैं। उत्तर प्रदेश में अयोध्या पर्यटन की धुरी बनकर उभरा है। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को 2029 तक वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। दुनिया भर के राज्यों और देशों की तरह यूपी ने भी समझ लिया है कि केवल मैन्युफैक्चरिंग और खेती से एक ट्रिलियन की यात्रा मुश्किल है। इसके लिए सर्विस सेक्टर को भी साथ में लेकर चलना होगा और अयोध्या यहीं बाजी मारती है। राम मंदिर बनने के बाद अयोध्या में पर्यटन ने जो छलांग लगाई है उससे यह सेक्टर उत्तर प्रदेश का इकोनॉमिक पावरहाउस बन गया है। 

सूत्रों ने बताया कि प्रदेश का पर्यटन क्षेत्र 2028 तक लगभग 70,000 करोड़ का आंकड़ा पार सकता है। पर्यटन के इस कारोबार में अयोध्या की हिस्सेदारी 20-25 प्रतिशत है यानि अकेले यह शहर 8,000-12,500 करोड़ सालाना आर्थिक गतिविधि जेनरेट कर रहा है। इसके अलावा अयोध्या की अर्थव्यवस्था के विकास में लोकल ट्रांसपोर्ट, ठेला व्यापारी, होटल, लॉज, होमस्टे, रियल एस्टेट, मिठाई, प्रसाद, रेस्टोरेंट सब मिलकर अपना योगदान दे रहे हैं। 

रामलला के दर्शन के नाम पर आने वाले पर्यटक केवल आस्था के प्रतीक नहीं बल्कि वो अपने साथ रुपये, रोज़गार और नए अवसर शहर को दे रहे हैं। राम मंदिर से बढ़े पर्यटन की वजह से यूपी को एक साल में लगभग 4 लाख करोड़ का अतिरिक्त राजस्व मिलने का अनुमान है। 2020 के बाद मंदिर निर्माण और उद्घाटन के चलते सड़कें चौड़ी हुईं हैं। अयोध्या में मंदिर निर्माण तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर में 5 वर्षों में लगभग 2,150 करोड़ रुपये खर्च किया गया है।

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