प्रदूषण से वनस्पतियों की प्रजाति पर संकट: लखनऊ में CSIR-NBRI में 7वीं अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आरंभ, देश-विदेश से प्रतिनिधि ले रहे हिस्सा
लखनऊ, अमृत विचार: लगातार बढ़ रहे वायु प्रदूषण के कारण अनेक पौधों की प्रजातियों पर संकट बढ़ता जा रहा है। ये चिंताजनक बात सीएसआईआर–नेशनल बॉटनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (एनबीआरआई) में सातवें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सामने आई। रविवार को शुरू हुए इस सम्मेलन में 300 से अधिक प्रतिनिधि और 30 विदेशी प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। उद्धाटन अवसर पर सीएसआईआर-एनबीआरआई के निदेशक डॉ. अजित कुमार शासनी ने पौधों की पर्यावरणीय स्वास्थ्य संकेतकों और प्राकृतिक जैव उपचारकों के रूप में वैज्ञानिक भूमिका पर जोर दिया।
पृथ्वी सुरक्षित रहे और इसे हम भावी पीढ़ी को सुरक्षित सौंप सकें इस विषय सम्मेलन का आयाेजन इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ एनवायरनमेंटल बॉटनिस्ट्स और सीएसआईआर–नेशनल बॉटनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट की ओर से किया जा रहा है। इसमें पादप विज्ञान, जलवायु स्थिरता तथा पर्यावरणीय पुनर्स्थापन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा आयोजित की गई है।
”पर्यावरण के लिए जीवनशैली (लाइफस्टाइल), हरित विकास और सतत भविष्य को आगे बढ़ाने के लिए पौधे और पारिस्थितिकी तंत्र” विषय पर देश-विदेश से आए प्रतिनिधियों ने विचार रखे। सीएसआईआर-आईआईटीआर के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण मुख्य अतिथि रहे। नार्थ ईस्ट हिल यूनिवर्सिटी शिलांग के प्रो. एस. के. बारिक, फीनलैंड की प्रो. एलीना ओक्सानेन और जापान से आए प्रो. स्वाधीन बेहेरा भी शामिल रहे।
पौधों की प्रतिक्रिया पर हो शोध
फिनलैंड की प्रो. एलीना ओक्सानेन ने यूरोप-भारत अनुसंधान सहयोग की आवश्यकता पर जोर देते हुए अत्यधिक पर्यावरणीय परिस्थितियों में पौधों की प्रतिक्रिया पर अनुसंधान के महत्व पर जोर दिया। प्रो. स्वाधीन बेहेरा ने वैश्विक जलवायु तंत्र, महासागर-वायुमंडल अंतःक्रिया और कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित जलवायु मॉडलिंग पर अपने विचार साझा किए।
प्रकृति रक्षित रक्षिता
सीएसआईआर-आईआईटीआर के निदेशक डॉ. भास्कर नारायण निदेशक ने पर्यावरण प्रदूषण की चुनौतियों से निपटने के लिए पौधों-आधारित वैज्ञानिक अनुसंधान की चर्चा की। उन्होंने “प्रकृति रक्षति रक्षिता” के सिद्धांत पर कार्य करने की आवश्यक्ता बताया।
इन्हें किया गया पुरस्कृत
वर्ष 2023 व 2024 के लिए इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ एनवायरनमेंटल बॉटनिस्ट्स फेलोशिप और यंग साइंटिस्ट मेडल से सम्मानित वैज्ञानिकों को सम्मानित किया गया।
आइएसईबी फेलोशिप (2023–2024)
प्रो. पुरबी साइकीया (काशी हिंदू विश्वविद्यालय), डॉ. नरेंद्र कुमार (बीबीएयू), प्रो. अनिल प्रकाश (बरकतउल्ला विवि), डॉ. अविनाश कौर नागपाल, प्रो. बंदना बोस (काशी हिंदू विश्वविद्यालय), प्रो. शशि पांडेय (काशी हिंदू विश्वविद्यालय), डॉ. सौमित के. बेहरा, डॉ. पुनीत सिंह चौहान, डॉ. ऋचा कोठारी, डॉ. चंद्रशेखर सेठ को फेलोशिप प्रदान किया गया।
आईएसईबी यंग साइंटिस्ट मेडल (2023–2024) डॉ. दिपाली श्रीवास्तव (यूएसए), डॉ. रितिका स्रिनेट (हेलसिंकी यूनिवर्सिटी), प्रिया प्रियदर्शिनी (आईआईटी हैदराबाद), डॉ. श्रोत राज विमल (इलाहाबाद विश्वविद्यालय), डॉ. पुजारिनी समल को प्रदान किया गया।
