आज से शुरू बिजली बकायेदारों के लिए OTS योजना: प्रचार-प्रसार में जुटे अधिकारी, उपकेंद्रो और हेल्पडेस्क के जरिए पाए पूरी जानकारी
लखनऊ, अमृत विचार: बिजली विभाग के बकाएदारों के लिए अच्छा मौका है। सोमवार से शुरू हो रही एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) में पहले महीने पंजीकरण कर भुगतान करने पर सरचार्ज में शत-प्रतिशत और मूलधन में 25 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। इसके बाद अगले दो चरणों में छूट कम होती जाएगी। पहले महीने बिल जमा करने पर बकाएदारों को ज्यादा फायदा होगा। अधिक से अधिक बकाया वसूली के लिए लेसा पूरी तैयारी कर ली है। अधिकारी-कर्मचारी शहर में पैदल मार्च, डोर टू डोर पर्चे देकर योजना की जानकारी दे रहे हैं। अधिकारियों का प्रयास है कि शत प्रतिशत बकाएदार योजना का लाभ उठा सकें।
मुख्य अभियंता ट्रांसगोमती वीपी सिंह और सिस के मुख्य अभियंता महफूज आलम ने बताया कि पिछले दिनों पॉवर कारपोरेशन के चेयरमैन आशीष गोयल ने बैठक ली थी। उन्होंने अधिकारियों को ओटीएस में अधिक से अधिक वसूली करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कम राजस्व हासिल करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं। दोनों अधिकारियों ने बताया कि योजना के प्रचार-प्रसार कर उपभोक्ताओं को योजना के फायदे बताकर बकाया जमा करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
बड़े बकायेदारों के दरवाजे भी खटखटाए जा रहे हैं। जिनके कनेक्शन कट चुके हैं या बिजली चोरी में पकड़ा गया है उन्हें भी योजना का लाभ बता कर पुन: कनेक्शन जुड़वाने का ऑफर दिया जा रहा है। उपभोक्ता एक दिसंबर से पंजीकरण कराकर लाभ उठा सकते है। उधर, कर्मचारी बिजली की संबंधी शिकायतों पर कम ध्यान देकर प्रचार में लगे हैं। वह रैली, पैदल मार्च और पर्चे बांटकर बकाएदारों को बिल जमा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।
पहला चरण- 1 से 31 दिसंबर: इस चरण में सरचार्ज पर शत-प्रतिशत और मूलधन पर 25 प्रतिशत की छूट।
दूसरा चरण-1 से 31 जनवरी: सरचार्ज में शत प्रतिशत और मूलधन में 15 प्रतिशत की छूट।
तीसरा चरण- 1 से 28 फरवरी : सरचार्ज में शत प्रतिशत और मूलधन पर 10 प्रतिशत की छूट
आंदोलन के बाद भी OTS योजना में सहयोग करेंगे कर्मचारी
बकाया बिलों की वसूली के लिए सोमवार से शुरू हो रही ओटीएस योजना में आंदोलन के बाद भी बिजली कर्मचारी सहयोग करेंगे। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि कर्मचारियों से योजना में सहयोग करने की अपील की गई है। कर्मियों से इस राहत योजना के बारे में लोगों को बताने के साथ उन्हें निजीकरण से होने वाले नुकसान के बारे में भी अवगत कराने के लिए कहा गया है। योजना तक भोजनावकाश और कार्यालय समय की समाप्ति के बाद ही विरोध प्रदर्शन होंगे।
