अपनाएं ये जरूरी टिप्स : सर्दियों में डीजल कार की मुश्किल होगी खत्म

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Published By Anjali Singh
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सर्दियों का मौसम आते ही डीजल कारों के सामने कई तकनीकी दिक्कतें खड़ी हो जाती हैं, खासकर उन राज्यों में जहां तापमान शून्य के आसपास पहुंच जाता है। ठंड बढ़ने पर इंजन स्टार्ट होना मुश्किल हो जाता है, डीजल गाढ़ा पड़ने लगता है और कार की परफॉर्मेंस भी सुस्त हो जाती है। अगर आपकी डीज़ल कार भी हर सर्दी साथ नहीं देती, तो कुछ सरल टिप्स अपनाकर आप अपने इंजन को ठंड में भी पूरी तरह स्मूथ, भरोसेमंद और एक्टिव रख सकते हैं।

विंटर-ग्रेड डीज़ल का इस्तेमाल जरूर करें

पेट्रोल इंजन की तुलना में डीजल इंजन ठंड के असर को ज्यादा महसूस करते हैं। कम तापमान में डीजल गाढ़ा होकर जेल की तरह जमने लगता है, जिसे फ्यूल जेमिंग कहा जाता है। ऐसे में डीजल फ्यूल लाइनों और फिल्टर से आसानी से गुजर नहीं पाता और परिणामस्वरूप कार स्टार्ट ही नहीं होती। इस समस्या से राहत पाने के लिए हमेशा भरोसेमंद पेट्रोल पंप से विंटर-ग्रेड डीजल ही भरवाएं। साथ ही, फ्यूल को ठंड में फ्लो बनाए रखने के लिए STP Diesel Treatment जैसे एंटी-जेल एडिटिव का इस्तेमाल भी बेहद फायदेमंद रहता है। इससे इंजन स्टार्टिंग हल्की-फुल्की ठंड में भी बिना किसी झंझट के हो जाती है।

फ्यूल टैंक को आधा खाली न रखें

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सर्दी में फ्यूल टैंक खाली रहने पर उसके अंदर नमी बनने लगती है, जो तापमान गिरने पर बर्फ में बदल सकती है। इससे फ्यूल पाइप ब्लॉक होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसलिए कोशिश करें कि आपका फ्यूल टैंक हमेशा फुल या कम से कम तीन-चौथाई भरा हुआ रहे। इससे नमी बनने की संभावना कम होगी और फ्यूल जेमिंग का रिस्क भी काफी हद तक खत्म हो जाएगा।

बैटरी की समय रहते जांच कराएं

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सर्द मौसम में बैटरी की क्षमता घट जाती है और वोल्टेज कम होने लगता है। ऐसे में इंजन को स्टार्ट होने के लिए अधिक शक्ति चाहिए होती है और यही वजह है कि कार सुबह पहली बार स्टार्ट करते समय परेशानी देती है। इसलिए मौसम 

बदलने से पहले बैटरी की अच्छी तरह जांच करा लें-

टर्मिनल्स पर जमा जंग साफ करवाएं

बैटरी की हेल्थ और चार्ज लेवल चेक कराएं

चार्जिंग सिस्टम और अल्टरनेटर की भी जांच करवाएं

अगर बैटरी पुरानी है, तो ठंड शुरू होने से पहले उसे बदल देना समझदारी होगी।

विंटर-ग्रेड सिंथेटिक इंजन ऑयल का उपयोग करें

कम तापमान में इंजन ऑयल भी गाढ़ा हो जाता है। इससे कोल्ड इंजन में ऑयल सर्कुलेशन धीमा रहता है और इंजन पर जरूरत से ज्यादा दबाव पड़ता है। इस समस्या से बचने के लिए 5W-30 या 5W-40 जैसे विंटर-ग्रेड सिंथेटिक ऑयल का इस्तेमाल करें। यह ऑयल ठंड में भी आसानी से फ्लो होता है और इंजन को शुरुआत से ही बेहतर लुब्रिकेशन देता है।

सुबह गाड़ी स्टार्ट करते ही रेस न दें

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बहुत से लोग ठंड में गाड़ी स्टार्ट करते ही एक्सेलरेटर दबा देते हैं, लेकिन ऐसा करना इंजन के लिए नुकसानदेह है। बेहतर होगा कि इंजन स्टार्ट करने के बाद 3-5 मिनट तक उसे आइडल रहने दें, ताकि इंजन ऑयल पूरी तरह गर्म होकर हर हिस्से तक आसानी से पहुंच सके। इसके अलावा कोशिश करें कि कार को गैरेज, शेड या ढकी हुई जगह पर पार्क करें ताकि पाला और ठंडी हवा इंजन को सीधे प्रभावित न करें।