वाराणसी कफ सिरप कांड में हर दिन हो रहे नए खुलासे.... अधिवक्ता की संदिग्ध मौत से जुड़ रहे तार

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Published By Muskan Dixit
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वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रतिबंधित कफ सिरप कांड के तार अब सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष अधिवक्ता राजा आनंद ज्योति की संदिग्ध मौत से जुड़ते दिख रहे हैं। सोमवार को पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने इस पूरे प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच के साथ-साथ फॉरेंसिक लैब से विसरा रिपोर्ट की दोबारा जांच कराने के आदेश दे दिए। मृतक अधिवक्ता की पत्नी भारती सिंह ने कुछ दिन पहले उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को पत्र देकर मामले की जांच की मांग की थी।

भारती सिंह का आरोप है कि उनके पति की हत्या शुभम जायसवाल और अमित सिंह उर्फ टाटा ने जहर देकर करवाई थी। गौरतलब है कि कफ सिरप कांड में अमित सिंह टाटा और शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं, जबकि मुख्य आरोपी शुभम जायसवाल अभी फरार है।

सोमवार को भारती सिंह ने पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई। पुलिस आयुक्त ने बताया कि यह घटना पिछले साल नवंबर महीने की है। उस समय आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं था। विसरा सुरक्षित रखकर फॉरेंसिक जांच कराई गई थी, जिसमें मौत का कारण शराब (एल्कोहल) बताया गया था। परिजनों ने कोर्ट में मुकदमा दर्ज करने की अर्जी दी थी, लेकिन कोर्ट ने फॉरेंसिक रिपोर्ट के आधार पर इसे सामान्य मौत मानते हुए अर्जी खारिज कर दी थी। पुलिस आयुक्त ने कहा, "मामले की गंभीरता और सभी तथ्यों को देखते हुए हम उच्च स्तरीय जांच करा रहे हैं।

विसरा रिपोर्ट की दोबारा फॉरेंसिक जांच होगी। यह पता लगाया जाएगा कि मौत वाकई शराब से हुई थी या कुछ और था। यदि कोई आपराधिक कृत्य पाया गया तो तुरंत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।" इधर, कफ सिरप कांड के मुख्य सरगना शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद जायसवाल को सोनभद्र पुलिस ने कोलकाता एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया है। उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर लाया जा रहा है और वाराणसी पुलिस भी रिमांड लेगी।

शुभम जायसवाल के दुबई में छिपे होने की खबर पर पुलिस आयुक्त ने कहा कि उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। कफ सिरप कांड में नामजद सभी आरोपियों की संपत्ति का ब्योरा जुटाया जा रहा है और जल्द ही बड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

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