Lucknow News: नियोक्ताओं के पास अप्रैल 2026 तक मौका, कराएं कर्मियों का पंजीयन

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Published By Muskan Dixit
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क्षेत्रीय भविष्य निधि संगठन के आयुक्त प्रथम अश्विनी कुमार गुप्ता की प्रेसवार्ता

लखनऊ, अमृत विचारः कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने नामांकन अभियान 2025 के तहत नियोक्ताओं को विशेष अवसर दिया है। इसमें वे 1 जुलाई 2017 से 31 अक्टूबर 2025 के बीच जुड़े उन कर्मचारियों को पंजीकृत कर सकते हैं, जो किसी कारणवश ईपीएफ कवर से वंचित रह गए हैं। नियोक्ताओं के पास उन्हें पंजीयन कराने का आखिरी मौका अप्रैल 2026 तक का है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य पात्र कर्मचारियों को स्वैच्छिक पंजीकरण द्वारा सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाना है।

यह जानकारी सोमवार को क्षेत्रीय भविष्य निधि संगठन के आयुक्त प्रथम अश्विनी कुमार गुप्ता ने दी। आयोजित प्रेसवार्ता में उन्होंने बताया कि यदि कर्मचारियों से अंशदान नहीं काटा गया, तो कर्मचारी अंशदान माफ किया जाएगा। नियोक्ता को केवल नियोक्ता अंशदान धारा 7 क्यू का ब्याज प्रशासनिक शुल्क 100 रुपये क्षति शुल्क देना होगा। जिन प्रतिष्ठानों पर धारा 7ए, पैरा 26बी या पैरा 8 (ईपीएस-1995) के अंतर्गत जांच चल रही है, वे भी पात्र रहेंगे, और उन्हें केवल 100 रुपये नाममात्र क्षति शुल्क देना होगा। ईपीएफओ ऐसी किसी भी स्थिति में स्वत: कार्रवाई नहीं करेगा।

आयुक्त ने कहा कि पहली बार नौकरी करने वालों को सीधे 15,000 रुपये की सरकारी सहायता प्रति वर्ष किस्तों में बतौर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। पहली किस्त 6 महीने पूर्ण होने पर, दूसरी किस्त 12 महीने पूरे करने पर उपलब्ध कराई जाएगी।

यह राशि प्रधानमंत्री-विकसित भारत रोजगार योजना (पीएम-वीबीआरवाई) के तहत दी जाएगी। इसे बढ़ावा देने के लिए तिथि को 1 अगस्त 2025 से 31 जुलाई 2027 तक के लिए लागू किया गया है। इसका कुल बजट 99,446 करोड़ रुपये रखा गया है और इससे 3.5 करोड़ औपचारिक नौकरियां सृजित करने का लक्ष्य है। इस दौरान क्षेत्रीय कर्मचारी निधि संगठन के आयुक्त द्वितीय आशीष कुमार के साथ प्रतीश सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।

आयुक्त प्रथम ने बताया कि क्षेत्राधिकार के 6 जिले लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी, रायबरेली में पंजीकृत संख्या 39,580 प्रतिष्ठान में 5,16,109 अंशधारक सदस्य और 70,000 पेंशनर्स है।

 

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