शाहजहांपुर : बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के फर्राटा भर रहे वाहन

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Published By Pradeep Kumar
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शहर में नियम ठंडे बस्ते में, पुलिस-प्रशासन नहीं ले रहा संज्ञान

शाहजहांपुर, अमृत विचार। शहर में हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट (एचएसआरपी) नियम के बावजूद बड़ी संख्या में वाहन बिना मानक नंबर की प्लेट के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। चार पहिया ही नहीं, दोपहिया वाहन भी साधारण प्लेट के साथ फर्राटा भरते दिखाई देते हैं। इसे लेकर परिवहन विभाग की ओर से समय-समय पर जागरूकता की बात जरूर होती है, लेकिन जमीनी स्तर पर तैयारी कमजोर है। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की उदासीनता के चलते वाहन स्वामियों में कोई डर या अनुपालन का दबाव नजर नहीं आता।

नियमानुसार प्रत्येक वाहन पर हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट होना अनिवार्य है, जिससे नंबर प्लेट का फर्जीवाड़ा, चोरी या अपराध में उपयोग होने वाले वाहनों की पहचान आसानी से हो सके। यह प्लेट टैंपर प्रूफ होती है तथा रजिस्ट्रेशन से जुड़ा डाटा सुरक्षित रहता है। इसके बाद भी शहर में हजारों वाहन बिना एचएसआरपी के चल रहे हैं, लेकिन जांच या कार्रवाई के मामले न्यूनतम हैं।

सरकारी आदेशों व निर्देशों के बावजूद यह नियम लंबे समय से फाइलों में बंद है। परिवहन विभाग ने लागू कराने का दायित्व होने के बाद भी अब तक कोई विशेष अभियान नहीं चलाया, वहीं पुलिस की ट्रैफिक चेकिंग में भी इसे प्राथमिकता नहीं दी जाती। विशेषज्ञों की मानें तो एचएसआरपी के उपयोग से वाहन चोरी और नंबर प्लेट से जुड़े अपराधों पर नियंत्रण संभव है, पर कार्रवाई न होने से व्यवस्था कागजों में ही सीमित है। लोगों में मानक नंबर प्लेट लगवाने की बाध्यता को लेकर स्पष्ट निर्देश व अभियान चलाए जाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है। यदि पुलिस और विभाग संयुक्त कार्रवाई शुरू करें तो नियम का पालन बढ़ेगा और शहर में वाहन निगरानी आसान हो सकेगी।

ई-चालान से बचने एचएसआरपी नहीं लगवा रहे लोग
शहर में अभी भी बड़ी संख्या में दोपहिया और चारपहिया वाहन बिना हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट के दौड़ रहे हैं। सामान्य नंबर प्लेट होने से ट्रैफिक कैमरे वाहनों की पहचान स्पष्ट रूप से नहीं कर पाते और फर्जी या अस्पष्ट नंबर होने की स्थिति में ई-चालान भी जनरेट नहीं हो पाता। कुछ वाहन चालक नियमों की जानकारी होने के बावजूद चालान से बचने के लिए ऐसा कर रहे है। ऐसी प्रवृत्ति वाहन चोरी, अपराध और ट्रैकिंग में प्रमुख बाधा बनती है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि विभागीय स्तर पर सख्ती बढ़ाई जाए और चेकिंग अभियान तीव्र हो तो हाई सिक्युरिटी प्लेट लगवाने की रफ्तार में तेजी आ सकती है।

बिना नंबर प्लेट के दौड़ रहे ई-रिक्शा
महानगर की सड़कों पर बड़ी संख्या में ऐसे ई-रिक्शा चल रहे हैं जिन पर नंबर प्लेट ही नहीं लगी है। बिना पहचान वाले वाहन ट्रैफिक नियमों के विपरीत चलते हैं, फिर भी उन पर कार्रवाई नहीं हो रही। नंबर प्लेट न होने से चालक की पहचान, वाहन का रजिस्ट्रेशन व दुर्घटना की स्थिति में जिम्मेदारी तय करना कठिन होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस पर प्रभावी निगरानी और विभागीय सख्ती से अवैध संचालन पर रोक लगाई जा सकती है।

हाई सिक्युरिटी नंबर प्लेट के फायदे
-टैंपर प्रूफ होने से नंबर प्लेट बदलना या छेड़छाड़ करना मुश्किल।
-वाहन चोरी होने पर ट्रैकिंग व पहचान की संभावना बढ़ जाती है।
-केंद्रीय डाटा से जुड़ी होने पर वाहन जानकारी तुरंत उपलब्ध।
-फर्जी नंबर प्लेट के उपयोग पर रोक लगती है।
-ट्रैफिक चेकिंग में पुलिस को पहचान आसान।
-ई-चालान व निगरानी सिस्टम में वाहन सीधे ट्रेस हो सकता है।
-राज्य/जिला स्तर पर वाहन रिकार्ड व्यवस्थित रखने में सहायक।

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