Bareilly : शूटरों के साथ अशरफ से मुलाकात करने वाला 50 हजार का इनामी गिरफ्तार
बरेली, अमृत विचार। प्रयागराज में हुए राजूपाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल की हत्या से पहले जिला जेल में बंद रहे माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ से शूटरों के साथ अवैध मिलाई करने के मामले में फरार 50 हजार रुपये के इनामी बदमाश अफसार अहमद को एसटीएफ की टीम ने मंगलवार रात दिल्ली से गिरफ्तार कर लिया। आरोपी को एसटीएफ की टीम ने बिथरी चैनपुर पुलिस को सौंप दिया है।
7 मार्च 2023 को जिला कारागार में बंद अतीक के भाई अशरफ उर्फ खालिद अजीम को जेल वार्डन शिवहरी अवस्थी समेत अन्य लोगों की मिली भगत से नियत समय व स्थान से हटकर अवैध मुलाकात कराई गई थी। इसका खुलासा होने पर थाना बिथरी चैनपुर में 2023 में एक मुकदमा दर्ज किया गया था। विवेचना में सीसीटीवी फुटेज व सीडीआर से खुलासा हुआ था कि जेल में बंद अशरफ ने गुड्डू मुस्लिम, गुलाम, असद, अरमान, विजय चौधरी उर्फ उस्मान, सदाकत खान समेत शूटरों से मुलाकात की थी। उसी दौरान आपराधिक षड्यंत्र कर राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल व उसके दो सरकारी गनरों की हत्या सुबूत मिटाने के उद्देश्य से कराई गई थी।
इसी मामले में फरार चल रहे बदमाश सल्लाहपुर थाना पूरामुफ्ती जनपद प्रयागराज निवासी अफसार अहमद को दिल्ली से प्रयागराज स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम ने गिरफ्तार किया है। आरोपी को थाना बिथरी चैनपुर पर दाखिल किया गया। अतीक के भाई अशरफ अहमद से मिलने के लिए 11 फरवरी को असद, गुड्डू, गुमाम, उस्मान समेत कई आरोपी पहुंचे थे। जिसका वीडियो भी उस समय सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।
जेल में ही उमेश पाल की हत्या की साजिश रची गई थी
गुलाम, गुड्डू मुस्लिम, उस्मान और असद समेत अन्य लोगों ने जेल में अशरफ अहमद से मुलाकात की और उमेश पाल को मारने का प्लान तैयार किया। अतीक के गुर्गों ने 24 फरवरी 2023 को दिनदहाड़े उमेश पाल और उनके दो गनरों की हत्या की थी। यूपी एसटीएफ और पुलिस ने असद और गुलाम को एनकाउंटर में मार गिराया था। उमेश पाल व दो पुलिसकर्मियों के हत्या के बाद बरेली के बिथरी चैनपुर थाने में अतीक के भाई अशरफ, उसके साले सद्दाम, गुर्गे लल्ला गद्दी, जेल वार्डन शिवहरि अवस्थी, कैंटीन संचालक दयाराम उर्फ नन्हे, जेल अधिकारी, कर्मचारी एवं अज्ञात के खिलाफ षड्यंत्र रचने, रंगदारी, अपराधियों को संरक्षण देने और अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की गई थी। लल्ला गद्दी समेत नौ आरोपियों को इस आधार पर जेल भेजा गया था कि वह अशरफ के साले सद्दाम के लिए काम करते थे। सद्दाम व लल्ला गद्दी के जरिये ही आरोपी बरेली जिला जेल में अवैध रूप से अशरफ से मिले थे।
