यमुना एक्सप्रेसवे हादसा : जलती बस में फंसी मां ने बचाई बच्चों की जान, पॉलीबैग में भरकर लाए जा रहे क्षत-विक्षत शव

Amrit Vichar Network
Published By Deepak Mishra
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मथुरा। जलती बस में फंसी पार्वती के सामने मौत खड़ी थी। यह मां की ममता ही थी कि उसने टूटी खिड़की से पहले अपने दोनों बच्चों को बाहर लटकाकर उनकी जान बचाई, लेकिन इस दौरान कांच का टुकड़ा उसकी गर्दन में घुस गया और वह लहूलुहान होकर गिर पड़ी। 

पार्वती के देवर गुलजारी अब भी अस्पतालों में उसकी तलाश कर रहे हैं, जहां एंबुलेंस से लगातार काले पॉलीबैग में रखे क्षत-विक्षत शव लाए जा रहे हैं। मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर मंगलवार तड़के सात बसों और तीन अन्य वाहनों के एक दूसरे में टकराने के बाद लगी आग में झुलसने से 13 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा 35 से अधिक लोग घायल हुए हैं। 

मथुरा के मुर्दाघर के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए गुलजारी ने बताया कि पार्वती के बच्चे प्राची और सनी ने बताया कि उन्हें बाहर निकालने की कोशिश के दौरान उनकी मां बस के अंदर ही बेहोश होकर गिर पड़ी।

उन्होंने बताया कि अब तक पार्वती का कोई पता नहीं चल पाया है। पुलिस ने बताया कि सभी 13 लोगों की मौत झुलसने के कारण हुई और शव इतनी बुरी तरह झुलस चुके हैं कि शिनाख्त करना बेहद कठिन हो गया है। 

पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने कहा, ‘‘हम शवों के डीएनए नमूनों को उनके रिश्तेदारों द्वारा दिए गए नमूनों से मिलाने के लिए सुरक्षित रख रहे हैं। अब तक तीन मृत यात्रियों की पहचान हो चुकी है और उनके परिवारों से संपर्क किया जा रहा है। उनके अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जा रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उन पर आगे कार्रवाई की जाएगी।’’

कुछ स्थानीय लोगों ने बताया कि वाहनों की टक्कर की आवाज कई किलोमीटर दूर के गांवों तक सुनाई दी, जिससे सुबह की शांति भयावह चीख-पुकार में बदल गई। भारी धुंध के कारण बचाव कार्य में भी कठिनाइयां आईं।  

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