मतदाता सूची का निष्पक्ष और त्रुटि रहित होना लोकतंत्र की बुनियाद : मायावती
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि वोटर लिस्ट का शुद्ध, निष्पक्ष और त्रुटिरहित होना लोकतंत्र की बुनियाद है। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही, भेदभाव या राजनीतिक हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस प्रक्रिया पर पैनी नजर रखें और जरूरत पड़ने पर चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज कराएं।
मायावती ने शुक्रवार को पार्टी की राष्ट्रीय बैठक में चुनावी तैयारियों, संगठन की मजबूती और निष्पक्ष चुनाव व्यवस्था को लेकर अहम निर्देश दिए। बैठक में उन्होंने चुनाव आयोग द्वारा संचालित वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को पूरी गंभीरता, पारदर्शिता और समयबद्ध तरीके से पूरा कराने पर विशेष जोर दिया। बैठक में पार्टी संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने, पार्टी कार्यकर्ताओं के सम्मान में आयोजित कार्यक्रमों और आर्थिक मजबूती से जुड़े निर्देशों की समीक्षा की गई।
मायावती ने स्पष्ट किया कि संगठन की ताकत और अनुशासन ही बसपा की सबसे बड़ी पूंजी है। उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं से ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ पार्टी हित में काम करने का आह्वान किया। उन्होने आरोप लगाया कि हाल के वर्षों में चुनावों के दौरान सरकारी धन और संसाधनों का दुरुपयोग बढ़ा है, जिससे निष्पक्ष चुनाव प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा उपचुनाव के दौरान सामने आए घटनाक्रम इस बात का उदाहरण हैं, जिनकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए।
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि हाल ही में सम्पन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बसपा को पूरी तैयारी और सतर्कता के साथ मैदान में उतरना होगा। नए राजनीतिक हालात में पार्टी को रणनीतिक रूप से मजबूत बनाते हुए जनहित के मुद्दों पर केंद्रित रहना होगा। मायावती ने केंद्र सरकार की उस नीति पर भी सवाल उठाया, जिसमें मनरेगा जैसी योजनाओं में केंद्र का योगदान 90 प्रतिशत से घटाकर 60 प्रतिशत करने का प्रस्ताव सामने आया है।
उन्होंने कहा कि इससे राज्यों पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा और गरीबों, मजदूरों व ग्रामीणों पर इसका सीधा असर पड़ेगा। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार सामाजिक कल्याण योजनाओं की पूरी जिम्मेदारी स्वयं वहन करे। उन्होंने कहा कि बसपा संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर की विचारधारा पर चलने वाली पार्टी है और सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति के लक्ष्य के लिए संवैधानिक संघर्ष जारी रखेगी।
उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा कि वे लोकतंत्र, संविधान और चुनावी निष्पक्षता की रक्षा के लिए पूरी मजबूती से खड़े रहें। बैठक के अंत में मायावती ने सभी प्रदेश स्तरीय पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि वे चुनावी तैयारियों, संगठन विस्तार और जनसंपर्क अभियान को तेज करें, ताकि पार्टी आगामी चुनावों में पूरी ताकत के साथ उतर सके।
