असम के कार्बी आंगलोंग में फिर भड़की हिंसा : कई प्रदर्शनकारी, पुलिसकर्मी और मीडिया कर्मी घायल, इलाके में कर्फ्यू लागू
दीफू/गुवाहाटी। असम के अशांत कार्बी आंगलोंग जिले में मंगलवार को एक बार फिर हिंसा भड़क उठी, जब प्रदर्शनकारियों के दो गुट आपस में भिड़ गए और पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज के साथ-साथ आंसू गैस के गोलों का सहारा लेना पड़ा। अधिकारियों ने बताया कि ताजा हिंसा में कम से कम आठ लोगों के घायल होने की खबर है।
अधिकारियों के मुताबिक, निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद खेरोनी बाजार इलाके में बच्चों और महिलाओं समेत बड़ी संख्या में वे लोग हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे, जिनकी दुकानें भीड़ ने सोमवार को जला दी थीं। उन्होंने बताया कि आदिवासी क्षेत्र से अतिक्रमणकारियों को बेदखल करने की मांग करने वाले आंदोलनकारी भी खेरोनी बाजार इलाके की सड़कों पर एकत्र हुए। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि दोनों गुटों में भारी आक्रोश था और इलाके में तैनात सुरक्षा बल उन्हें शांत करने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने बताया कि अचानक दोनों गुटों के लोगों ने एक-दूसरे पर पथराव शुरू कर दिया, जिसमें कई प्रदर्शनकारी, पुलिसकर्मी और मीडिया कर्मी घायल हो गए। अधिकारी के अनुसार, हालात बेकाबू होने पर पुलिस को दोनों गुटों के प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े। उन्होंने बताया कि इलाके में स्थिति “तनावपूर्ण” है और मौके पर अतिरिक्त बलों को भेजा गया है। अधिकारी ने बताया कि इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने खेरोनी इलाके में दो मोटरसाइकिल को आग के हवाले कर दिया था।
मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने गुवाहाटी में एक कार्यक्रम से इतर संवाददाताओं से कहा, “कार्बी आंगलोंग में स्थिति बेहद संवेदनशील है। वरिष्ठ मंत्री रानोज पेगू जिले में मौजूद हैं। मुझे भरोसा है कि मामला जल्द ही सुलझ जाएगा।” इससे पहले मंगलवार को प्रदर्शनकारियों ने पेगु के साथ बातचीत के बाद आदिवासी क्षेत्रों से अतिक्रमणकारियों को बेदखल करने की मांग को लेकर जारी अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी।
विभिन्न राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों से जुड़े आंदोलनकारी कार्बी आंगलोंग तथा पड़ोसी पश्चिम कार्बी आंगलोंग जिलों में व्यावसायिक चरागाह आरक्षित क्षेत्र (पीजीआर) और ग्राम चरागाह आरक्षित क्षेत्र (वीजीआर) में अवैध रूप से रह रहे लोगों को बेदखल करने की मांग को लेकर 15 दिनों से भूख हड़ताल पर थे। पेगु ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की और उन्हें भरोसा दिलाया कि सरकार इस मुद्दे पर जल्द ही त्रिपक्षीय वार्ता आयोजित करेगी जिसके बाद उन्होंने अपनी भूख हड़ताल समाप्त कर दी।
पेगु ने बताया कि वार्ता में मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे। असम के दीफू में सोमवार को कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद (केएएसी) के प्रमुख तुलीराम रोंगहांग के आवास और खेरोनी बाजार की करीब 15 दुकानों को आग के हवाले करने वाले उग्र प्रदर्शनकारियों के साथ सुरक्षा बलों की झड़प में एक पुलिसकर्मी सहित चार लोग घायल हो गए थे। पुलिस ने कार्बी आंगलोंग के खेरोनी इलाके में प्रदर्शनकारियों को कथित तौर पर जबरन हटाने की कोशिश की, जिसके बाद झड़प हुई।
प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को खेरोनी पुलिस थाने पर हमले का भी प्रयास किया, लेकिन सुरक्षा बलों ने उसे विफल कर दिया। स्थिति को देखते हुए कार्बी आंगलोंग और पश्चिम कार्बी आंगलोंग में निषेधाज्ञा लागू कर दी गई थी। कार्बी आंगलोंग में रात्रि कर्फ्यू भी लगाया गया था, जिसके तहत शाम पांच बजे से सुबह छह बजे तक पूरे जिले में किसी भी व्यक्ति या समूह तथा निजी वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित थी।
पेगु स्थिति का जायजा लेने के लिए सोमवार रात खेरोनी पहुंचे। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) हरमीत सिंह भी कार्बी आंगलोंग पहुंचे और प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर हालात का जायजा लिया। इससे पहले, पेगु ने कहा था कि पड़ोसी जिलों से अतिरिक्त बल क्षेत्र में भेजे गए हैं और “स्थिति नियंत्रण में है।”
उन्होंने कहा था, “लोगों का एक वर्ग इस बात से नाराज है कि अतिक्रमणकारी पीजीआर और वीजीआर की जमीन पर बस रहे हैं। पिछले साल उन्हें हटाने का प्रयास किया गया था, लेकिन गौहाटी उच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई, जिसने अंतरिम आदेश देकर बेदखली की प्रक्रिया पर रोक लगा दी।”
पेगु ने कहा था कि मामले को केवल संवाद के जरिये ही सुलझाया जा सकता है। उन्होंने कहा था, “हम प्रदर्शनकारियों और अतिक्रमणकारियों-दोनों से बातचीत कर रहे हैं।” मुख्यमंत्री शर्मा ने सोमवार रात कहा था कि यह अफवाह फैलने लगी थी कि भूख हड़ताल पर बैठे तीन प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिससे वे उत्तेजित हो गए।
उन्होंने स्पष्ट किया था, “किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। हालांकि, सेहत बिगड़ने के मद्देनजर उन्हें इलाज के लिए गुवाहाटी ले जाया गया है।” शर्मा ने कहा था कि वह वह जिले के अधिकारियों और विरोध-प्रदर्शन कर रहे संगठनों के नेताओं के संपर्क में हैं। उन्होंने कहा था, “हमें उम्मीद है कि आज रात तक स्थिति नियंत्रण में आ जाएगी।”
