UP Year Ender 2025: महिला सशक्तिकरण में यूपी मॉडल देश में नंबर 1, सुरक्षा से स्वावलंबन के क्षेत्र में प्रदेश का लहराया परचम, बदला सामाजिक चेहरा

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Published By Muskan Dixit
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महिलाओं के जीवन में ऐतिहासिक परिवर्तन। राज्य में महिलाओं के सपनों को उड़ान, कल्याणकारी योजनाओं से क्रांतिकारी बदलाव।

लखनऊ, अमृत विचार: उत्तर प्रदेश में साल 2025 महिलाओं, किशोरियों और बालिकाओं के जीवन में भी अहम बदलाव देकर जा रहा है। आंकड़े बताते हैं कि यह बदलाव सिर्फ सहायता का नहीं, बल्कि सुरक्षा, स्वावलंबन, सम्मान और अवसर बना है।

दरअसल, राज्य में महिलाओं के लिए चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं ने देश में सफलता का दमदार यूपी मॉडल प्रस्तुत किया है। महिलाओं की सुरक्षा और विकास अब केवल योजनाओं का विषय नहीं, बल्कि एक ठोस सामाजिक परिवर्तन का दस्तावेज बन चुका है।
इस योजना के अंतर्गत इस वर्ष कुल 13612 गतिविधियों के माध्यम से 25.5 लाख महिलाओं तथा बालिकाओं को जागरूक किया गया है। इसका उद्देश्य बालिकाओं के जन्म के प्रति समाज में सकारात्मक सोच विकसित करना, लिंग-चयन की प्रक्रिया को समाप्त कर बालिकाओं को सुरक्षित करना और बाल लिंग अनुपात में सुधार लाना है।

विभिन्न योजनाओं की चर्चा की जाए तो, कन्या सुमंगला योजना में इस वर्ष 130.03 करोड़ रुपये की धनराशि से 3.28 लाख कन्याओं को लाभान्वित किया गया। जन्म से लेकर उच्च शिक्षा तक छह चरणों में मिलने वाली सहायता ने बेटियों के प्रति सामाजिक सोच को बदला और बालिका शिक्षा को नई मजबूती दी।

इसी कड़ी में निराश्रित महिला पेंशन योजना के तहत 38.58 लाख महिलाओं को नियमित मासिक सहायता दी जा रही है। इस वर्ष योजना पर लगभग 1200 करोड़ रुपये रुपये खर्च हुए हैं। अभी हाल ही में पेश हुए अनुपूरक बजट में भी इस योजना के लिए लगभग 535 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

मिशन शक्ति से महिलाओं को मिला सुरक्षा कवच

महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा, सशक्तिकरण और सम्मान के उद्देश्य से चलाई जा रही मिशन शक्ति अपने पांचवे चरण में है। मिशनशक्ति अभियान के अंतर्गत लगभग 9 करोड लोगों तक पहुंचकर उन्हें प्रदेश में महिलाओं तथा बच्चों के लिए संचालित कल्याणकारी योजनाओं, सुविधाओं तथा कानूनों के बारे में संवेदनशील करने का प्रयास किया गया है।

महिलाओं को मिल रहा है त्वरित न्याय

हिंसा पीड़ित महिलाओं को एक ही स्थान पर चिकित्सा, कानूनी परामर्श और पुलिस सहायता प्रदान करने के लिए प्रदेश में 75 से अधिक वन स्टॉप सेंटर संचालित हैं। इस साल 24671 महिलाएं इन केंद्रों से सहायता प्राप्त कर चुकी हैं। यह व्यवस्था महिला सुरक्षा के मामले में योगी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का सफलतम उदाहरण है। 181 महिला हेल्पलाइन अब प्रदेश की महिलाओं के लिए भरोसेमंद सुरक्षा कवच बन चुकी है।

कामकाजी और निराश्रित महिलाओं को सुरक्षित आश्रय

निराश्रित, परित्यक्त और कामकाजी महिलाओं के सुरक्षित आवास में भी योगी आदित्यनाथ सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। माता अहिल्याबाई होल्कर श्रमजीवी महिला हॉस्टल योजना के तहत 7 जनपदों नें 500-500 क्षमता के हॉस्टल बनाए जा रहे हैं। श्रमजीवी महिला छात्रावास के अंतर्गत लखनऊ, गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में 8 कामकाजी महिला छात्रावास का निर्माण हो रहा है।

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