उन्नाव रेप केस: कुलदीप सेंगर की उम्रकैद पर सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई, CBI की याचिका पर टिकी निगाहें

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Published By Muskan Dixit
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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की उस याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा जिसमें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से निष्कासित कुलदीप सिंह सेंगर की उन्नाव बलात्कार मामले में आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है। सुनवाई सूची के अनुसार, भारत के प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी और एवं ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की तीन सदस्यीय अवकाशकालीन पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी। उच्चतम न्यायालय अधिवक्ता अंजले पटेल और पूजा शिल्पकार द्वारा दायर एक अलग याचिका पर भी सुनवाई करेगा जिसमें उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती दी गई है और उस पर रोक लगाने की मांग की गई है। सीबीआई ने अपनी याचिका में एल. के. आडवाणी मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया था कि सांसद या विधायक जैसे सार्वजनिक पद पर रहने वाले व्यक्ति को लोकसेवक माना जाएगा। एजेंसी का कहना है कि उच्च न्यायालय ने यह कहकर गलती की कि अपराध के समय विधायक रहा सेंगर लोकसेवक नहीं था। 

सीबीआई ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय ने यह ध्यान नहीं रखा कि संवैधानिक पद पर आसीन विधायक पर जनता का भरोसा एवं अधिकार होता है और ऐसी स्थिति में राज्य और समाज के प्रति उसकी जिम्मेदारी अधिक होती है।’’ उच्च न्यायालय ने उन्नाव बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सेंगर की उम्रकैद की सजा 23 दिसंबर को निलंबित कर दी। 

अदालत ने कहा कि वह पहले ही सात साल पांच महीने जेल में बिता चुका है। उच्च न्यायालय ने बलात्कार मामले में दोषसिद्धि और सजा के खिलाफ अपील लंबित रहने तक सेंगर की सजा पर रोक लगाई। सेंगर ने दिसंबर 2019 के निचली अदालत के फैसले को चुनौती दी है। हालांकि, वह जेल में ही रहेगा क्योंकि वह पीड़िता के पिता की हिरासत में हुई मौत के मामले में 10 साल की सजा भी काट रहा है और उस मामले में उसे जमानत नहीं मिली है। 

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