बरेली: न जाने कौन सी गोली जांघ में की प्लांट

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बरेली, अमृत विचार। भमोरा के चकरपुर में जांघ में गोली मारने के मामले में वादी नेत्रपाल खुद ही फंसता जा रहा है। जांघ में गोली प्लांट करना नेत्रपाल को महंगा पड़ गया है। एक तो पुलिस उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई करेगी तो दूसरा उसका इलाज का खर्चा लाखों में पहुंच गया है। पुलिस …

बरेली, अमृत विचार। भमोरा के चकरपुर में जांघ में गोली मारने के मामले में वादी नेत्रपाल खुद ही फंसता जा रहा है। जांघ में गोली प्लांट करना नेत्रपाल को महंगा पड़ गया है। एक तो पुलिस उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई करेगी तो दूसरा उसका इलाज का खर्चा लाखों में पहुंच गया है। पुलिस अभी तक इस पहेली को सुलझा नहीं पायी है कि उसकी जांच में जो गोली लगी है, वह गोली कौन सी है। क्योंकि बिना कॉपर वाली गोली पुलिस ने कभी देखी नहीं है। एसएसपी रोहित सिंह सजवाण ने बताया कि मामला पूरी तरह से फर्जी है। तहरीर मिलने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

रविवार रात को नेत्रपाल को पुलिस ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया था। पुलिस को शुरुआती जांच में ही वारदात पर शक हुआ था। उसके बाद जब एक्सरे हुआ तो गोली ऊपर की ओर होने से शक गहरा गया। जब पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो नेत्रपाल बयान बदलने लगा। उसके बाद वह बदायूं रोड स्थित निजी अस्पताल में भर्ती हो गया। जहां पुलिस ने उससे पूछताछ की और तहरीर की मांग की लेकिन उसने तहरीर देने से इनकार कर दिया। पुलिस की जांच में आया कि 6 महीने पहले गांव के जगदीश से उसके परिवार के लोगों का झगड़ा हुआ था। जिसमें एक महिला की टांग टूट गई थी। इसमें उसके भतीजों पर रिपोर्ट दर्ज की गई और जेल गए थे। उसने इन्हीं लोगों को फंसाने के लिए गोली प्लांट की लेकिन वह खुद ही फंसता चला गया।

इन बिंदुओं से खुली सच्चाई
-जिस जगह पर गोली लगना बताया, वहां पर खून नहीं था, जबकि खून 25 मीटर दूर पड़ा था।
-घटना स्थल की जगह पर साफ था लेकिन खून जहां था, वहां पर रेत थी
-उसने बताया कि खटखट की आवाज हो रही थी, जबकि उसकी दीवार पर कोई भी निशान नहीं मिला और न ही कोई ईंट मिली
-घटना स्थल पर पेचकस मिला, जिसमें खून लगा हुआ था
-जांघ व पैंट पर बर्निंग, टेटनिंग, ब्लैकनिंग में से कुछ भी नहीं था
-पैंट में बड़ा छेद था लेकिन अंदर अंडर गारमेंट में कोई छेद नहीं था
-मौके पर एक हसिया मिला, जिसमें पेंट के धागे फंसे मिले हैं
-एक्सरे में गोली ऊपर की ओर फंसी थी
-गोली सिर्फ लेड की है, उसमें कॉपर नहीं है, जबकि ऐसा नहीं होता है
-गोली आगे से मुड़ी हुई है, जिससे लग रहा है कि गोली पहले से चली हुई है
-उसकी जांच में रॉड पड़ी है, यदि गोली लगती तो रॉड व हड्डी में चोट होती

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