हल्द्वानी: कुरिया गांव में उपखनिज भंडारण व स्टोन क्रशर लगाए जाने का विरोध, एसडीएम कोर्ट में प्रदर्शन
हल्द्वानी,अमृत विचार। लामाचौड़ के कुरिया ग्राम पंचायत में उपखनिज भंडारण की आड़ में स्टोन क्रशर लगाए जाने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने एसडीएम कोर्ट में प्रदर्शन किया। उन्होंने तहसीलदार को ज्ञापन सौंप कर भंडारण व क्रशर निर्माण पर रोक लगाने की मांग की है। मंगलवार को कुरिया गांव की ग्राम प्रधान ज्योति के नेतृत्व …
हल्द्वानी,अमृत विचार। लामाचौड़ के कुरिया ग्राम पंचायत में उपखनिज भंडारण की आड़ में स्टोन क्रशर लगाए जाने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने एसडीएम कोर्ट में प्रदर्शन किया। उन्होंने तहसीलदार को ज्ञापन सौंप कर भंडारण व क्रशर निर्माण पर रोक लगाने की मांग की है।
मंगलवार को कुरिया गांव की ग्राम प्रधान ज्योति के नेतृत्व में दर्जनों ग्रामीण एसडीएम कोर्ट पहुंचे। यहां उन्होंने तहसीलदार नितेश डागर को ज्ञापन सौंप कर कहा कि कुरिया गांव में एक बाहरी व्यक्ति ने जमीन लीज पर लेकर उपखनिज भंडारण की आड़ में स्टोन क्रशर खोलने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा कि जिस भूमि पर उपखनिज भंडारण किया जा रहा है उस स्थान से महज 100 मीटर की दूरी पर चारधाम मंदिर है जहां रोजाना सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचते हैं।
वहीं दक्षिण में 100 मीटर की दूरी पर सरस्वती शिशु मंदिर और पूर्व दिशा में 250 मीटर की दूरी पर राजकीय इंटर कॉलेज लामाचौड़, प्राथमिक विद्यालय कुरिया गांव और पब्लिक स्कूल है। ग्रामीणों ने कहा कि उपखनिज भंडारण से चारों तरफ सैकड़ों एकड़ कृषि भूमि है जो प्रदूषण से नष्ट हो जाएगी। कुरिया गांव व जयपुर पाडली की 10 हजार आबादी को प्रदूषण झेलना पड़ेगा और दमा, श्वास के रोग जैसे गंभीर बीमारियां होने का खतरा बना हुआ है। उन्होंने जिला प्रशासन से भंडारण व क्रशर की अनुमति निरस्त करने की मांग की है। चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि ऐसा भंडारण की अनुमति निरस्त नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। ज्ञापन सौंपने वालों में नीरज तिवारी, कमला आर्य, लाखन चिलवाल, प्रमोद वोरा, गौरव महरा, केवलानंद भट्ट, गोधन पडलिया, अमृता देवी, रेखा भट्ट, कविता बिष्ट, हेमा गोस्वामी, राजू बिष्ट, बीना देवी, मनोज बिष्ट, प्रहलाद सिंह समेत दर्जनों ग्रामीण शामिल थे।
क्रशर की आबादी से 300 मीटर दूरी होना है जरूरी
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के अनुसार पहले तो आबादी के बीचों बीच स्टोन क्रशर संचालन को अनुमति नहीं दी जा सकती है। मानकों के अनुसार स्टोन क्रशर आबादी से न्यूनतम 300 मीटर की दूरी होना जरूरी है। यदि इससे कम दूरी हो तो क्रशर संचालन नहीं किया जा सकता है।
