मुरादाबाद : मनोहरपुर में सफल हुई काजू की खेती, गाय का गोबर व मूत्र के लेप से अच्छी होती पैदावार

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मुरादाबाद, अमृत विचार। अब मुरादाबाद के लोग भी अपनी जमी में काजू की खेती जल्द ही कर सकेंगे। कृषि अनुसंधान केंद्र द्वारा लोगों के लिए काजू के पौधे तैयार किए जा रहे हैं, जिसे लोग कुछ समय बाद हासिल कर सकेंगे। एक एकड़ में करीब दो सौ पौधे लगाए जा सकेंगे। इसकी खेती के लिए …

मुरादाबाद, अमृत विचार। अब मुरादाबाद के लोग भी अपनी जमी में काजू की खेती जल्द ही कर सकेंगे। कृषि अनुसंधान केंद्र द्वारा लोगों के लिए काजू के पौधे तैयार किए जा रहे हैं, जिसे लोग कुछ समय बाद हासिल कर सकेंगे। एक एकड़ में करीब दो सौ पौधे लगाए जा सकेंगे। इसकी खेती के लिए ऊची जमी चाहिए। जिसमें पानी का रुकाव न हो, ताकि काजू पनप सके। इन पौधों की किमत करीब 2 सौ रुपये रखी जाएगी। अभी तक पांच सौ से अधिक लोगों ने काजू के पौधों की बुकिंग करा चुके है।

तीन वर्ष पहले ओडिशा से पांच पौधे मंगाए गए थे, जिसकी खेती दिल्ली रोड़ स्थित मनोहरपुर के कृषि अनुसंधान केंद्र में शुरू की गई थी। लेकिन तीन वर्ष बाद पेड पर आ रहे काजू से कृषि वैज्ञानिकों को सफलता हाथ लगी है। अभी तक ओडिशा व गोआ में ही काजू की खेती होती थी। जबकि अब वैज्ञानिकों की मेहनत के बाद जनपद के लोग भी जल्द ही कर सकेंगे। कृषि वैज्ञानिकों की माने तो काजू खेती 30 से 35 डिग्री तापमान वाले क्षेत्रों में जा सकती है। महानगर में काजू की पैदावार करने के लिए गाय का गोबर व गाऊ मूत्र का लेप पौधे की टेहनियों पर लगाया गया। इसके साथ ही जूट की बोरी से ढकर नियमित पानी का छिड़काव किया जाता था, ताकि तापमान बना रहे। काजू की खेती सफल हो सके।

ओडिशा व गोआ के बाद होगी मुरादाबाद में खेती
अभी तक काजू की खेती ओडिशा व गोआ में की जाती थी लेकिन अब जनपद के लोग भी जल्द ही कर सकेंगे। कृषि अनुसंधान केंद्र द्वारा लोगों को लोगों को पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके बाद किसान मुरादाबाद में भी खेती कर सकेंगे।

दो सौ अधिक किए जा रहे पौधे तैयार
कृषि अनुसंधान केंद्र में दौ से अधिक काजू के पौधे अगले एक माह के अंदर तैयार किया जाएंगे। इन पौधों की किमत करीब दौ सौ रूपये रखी जाएगी। फिलहाल लोगों अभी से आर्डर आने लगे है।

तीन साल मिलेगी सफलता
एक एकड़ में करीब दो सौ पौधे लगाए जा सकते हैं। काजू की खेती करने के बाद तीन साल बाद पेड़ पर काजू आ सकेंगे। इसकी खेती के लिए किसानों के पास ऊचा खेता हो चाहिए, जिसमें पानी का रुकाव न हो। उसी खेत में काजू की पैदावार हो सकती है।

किसान काम सकेंगे मुनाफा
अभी तक जिले में अन्य चिजों की खेती करी जाती है, जिससे किसानों को ठिकठाक मुनाफा हो जाता था, लेकिन अब जल्द ही काजू की खेती भी किसान कर पाएंगे। इसकी बिक्री कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकेंगे।

पौधा लगाने के बाद रखना हो ध्यान
काजू का पौधा लगाने के बाद किसानों को तीन साल तक काफी ध्यान रखना होगा। इसकी पैदावार के लिए गाय का गोबर व गाऊ मूत्र का लेप पौधे की टेहनियों पर लगाया जाता है। इसके साथ ही जूट की बोरी से पौधे पर लपेटकर नियमित पानी का छिड़काव भी करना पड़ेगा, जिससे काजू की खेती सफल हो सके।

तीन साल बाद काजू की खेती सफल हो सकी है। इसपर अब काजू भी आ रहे है। आगामी दिनों में लोगों को खेती के लिए पौधे तैयार करके दिए जाएंगे। अभी तक पांच सौ लोग पौधे की बुकिंग कर चुके है। डा. दीपक मेंदीरत्ता, नोडल -अधिकारी, कृषि अनुसंधान केंद्र

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