बरेली: गली-मोहल्लों में झोलाछाप बने जनरल फिजिशियन, दे रहे हर मर्ज की दवा

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बरेली, अमृत विचार। जिले में झोलाछापों का मकड़जाल फैला हुआ है। आए दिन गलत इलाज के चलते लोग जान गवां रहे हैं लेकिन कार्रवाई की गति धीमी होने के चलते यह जाल तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि जब भी स्वास्थ्य विभाग की टीम छापेमारी करती तो अनियमितताएं मिलने के बाद विभागीय कार्रवाई होती है। …

बरेली, अमृत विचार। जिले में झोलाछापों का मकड़जाल फैला हुआ है। आए दिन गलत इलाज के चलते लोग जान गवां रहे हैं लेकिन कार्रवाई की गति धीमी होने के चलते यह जाल तेजी से बढ़ रहा है। हालांकि जब भी स्वास्थ्य विभाग की टीम छापेमारी करती तो अनियमितताएं मिलने के बाद विभागीय कार्रवाई होती है। लेकिन कमजोर पैरवी और कार्रवाई की धीमी रफ्तार से जिले में अनियमितताएं लगातार बढ़ ही रही हैं।

ऐसे में गली-मोहल्लों में झोलाछाप मनचाहे तरीके से लोगों की जिंदगी से खुलेआम खिलवाड़ कर रहे हैं। इन झोलाछापों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। हालांकि कुछ जगहों पर कार्रवाई भी होती है लेकिन कोरोना काल में स्वास्थ्य विभाग की छापामार कार्रवाई पर लगा ग्रहण अभी तक चालू है। इस दौरान गली मोहल्लों में झोलाछापों की तादाद भी बढ़ गई है। शासन द्वारा तैनात नए सीएमओ डा. सुधीर कुमार गर्ग के कार्यभार संभालने के बाद उम्मीद है कि जल्द ही कार्रवाई शुरू की जाएगी।

तंग गलियों में खुले हैं ठिकाने
झोलाछाप अक्सर तंग व दूरदराज के इलाकों में अपना ठिकाने बनाते हैं। ये झोलाछाप गली मोहल्लों में जनरल फिजीशियन से लेकर जनरल सर्जन तक बने बैठे हैं। इनमें मढ़ीनाथ, सुभाष नगर, सैदपुर हॉकिंस, बिहारीपुर जैसी जगहों पर कई ऐसे क्लीनिक हैं, जिनका पंजीकरण तक नहीं है।

केस-1

स्वाले नगर के पास ही एक क्लीनिक है, जहां स्वास्थ्य विभाग की जानकारी के बिना ही धड़ल्ले से मरीज भर्ती किए जा रहे हैं। भर्ती करने के साथ ही मरीज के लिए एक्सरे, अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी मौजूद है। लेकिन विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के चलते झोलाछाप पर कर्रावाई नहीं हो पा रही है।

केस-2

सिटी स्टेशन रोड स्थित रंजना अस्पताल में 25 बेड का अस्पताल संचालित हो रहा था। यहां टीम ने चिकित्सक की तैनाती और पंजीकरण संबंधी जानकारी ली तो स्टाफ कोई पुख्ता जानकारी नहीं दे सका। हालांकि अस्पताल में कोई मरीज भर्ती नहीं था। अस्पताल प्रबंधक से भी टीम ने मेडिकल दस्तावेज दिखाने के लिए कहा तो नहीं दिखा सके। इस पर टीम ने अग्रिम आदेश तक अस्पताल को बंद रखने के आदेश दिए हैं।

बीते कुछ सालों में झोलाछापों पर हुई कार्रवाई

  • जिले में चिह्नित झोलाछाप- 256
  • बंद किए गए क्लीनिक- 12
  • झोलाछापों पर एफआईआर- 73

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. बलवीर सिंह ने बताया कि जिले में झोलाछाप द्वारा इलाज होने पर गोपनीय रूप से आशा, एएनएम को सीएचसी-पीएचसी के एमओआईसी को सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं। मौके पर नोडल अधिकारी द्वारा औचक निरीक्षण कर उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

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