बरेली: हत्या के मामलों ने लोगों में पैदा किया खौफ, छह माह में दर्ज हुए 33 मामले

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बरेली, अमृत विचार। लॉकडाउन में भी लगातार हत्याओं की वारदातें सामने आती रहीं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक एक के बाद एक हत्याओं की घटनाओं ने लोगों के दिलों में खौफ पैदा कर दिया। बीते छह माह में हत्या के कई मामले पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज किए गए। इनमें से अभी तक पुलिस ने …

बरेली, अमृत विचार। लॉकडाउन में भी लगातार हत्याओं की वारदातें सामने आती रहीं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक एक के बाद एक हत्याओं की घटनाओं ने लोगों के दिलों में खौफ पैदा कर दिया। बीते छह माह में हत्या के कई मामले पुलिस रिकॉर्ड में दर्ज किए गए। इनमें से अभी तक पुलिस ने कुछ ही मामलों में जांच पूरी की है। वहीं कुछ शहरी क्षेत्र के दो मामले ऐसे भी हैं, जिनकी फाइल धूल फांकती रह गई लेकिन उनका खुलासा नहीं हो सका है। कई मामलों में से कई नामजदों को क्लीन चिट भी मिल गई।

करोना काल में 1 जनवरी से 30 जून 2021 तक शहर में लगातार गंभीर अपराधों की संख्या बढ़ रही थी। हत्या जैसी वारदातें आए दिन सामने आ रही थीं। आंकड़ों के अनुसार पिछले छह माह में जिले में हत्या के 33 मामले दर्ज किए। इसमें पता चला कि ज्यादातर हत्याएं पुरानी रंजिश, जमीनी विवाद में की गईं। इन मामलों में पीड़ित परिवारों की ओर से 99 लोगों को नामजद किया गया।

अधिकारियों के मुताबिक हत्या की रिपोर्ट दर्ज होने के बाद पुलिस जांच में 13 आरोपियों के नाम गलत पाए गए, जिन्हें क्लीन चिट दे दी गई। 27 नाम ऐसे थे, जो प्रकाश में आए। पुलिस ने 14 मामलों में दबिश डालकर करीब 96 आरोपियों को गिरफ्तार किया। वहीं 20 मामलों में पुलिस ने जांच पूरी कर चार्जशीट भी दाखिल कर दी है लेकिन 13 मामले अब भी जांच की धूल फांक रहे हैं।

देहात क्षेत्र रहे हत्याओं के मामलों में आगे
जिले में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों तक हत्या के कई मामले दर्ज हुए लेकिन आंकड़ों के मुताबिक देहात क्षेत्र में सर्वाधिक वारदातों को अंजाम दिया गया। पिछले छह माह में बहेड़ी में 6, देवरनिया, शीशगढ़ व शेरगढ़ में 1-1, मीरगंज में 3, शाही में 3, फरीदपुर व भुता में 2-2, नबावगंज में 5 और भोजीपुरा में 3 हत्या की वारदातों को अंजाम दिया गया।

जहां एक तरफ बहेड़ी सर्किल में सर्वाधिक हत्या के 9 मामले सामने आए। वहीं आंवला सर्किल में हत्या का एक भी मामला पिछले छह माह में सामने नहीं आया। इस संबंध में पुलिस अधीक्षक ग्रामीण का कहना है कि सभी हत्याओं का खुलासा पुलिस ने कर दिया है और दोषियों को जेल भी भेजा जा चुका है।

अभी तक नहीं सुलझी शहर की दो हत्याओं की गुत्थी
पिछले छह माह में हुईं हत्या की घटनाओं में से 13 मामले विवेचना में फंसे हुए हैं। वहीं शहर के दो मामले ऐसे भी हैं, जिनमें आज तक कई अधिकारी बदले लेकिन जांच पूरी ही नहीं हो सकी और न ही उनका खुलासा हो सका। दोनों ही हत्याएं अपने समय में अहम रहीं और काफी चर्चा में भी रहीं। वहीं वारदातों में मरने वाले दोनों व्यक्तियों के परिजनों की पुलिस से उम्मीद अब टूटती नजर आ रही है।

केस नंबर-1

जुलाई 2015 में आईवीआरआई के चीफ साइंटिस्ट डा. दीपक शर्मा एनिमल जेनेटिक्स विभाग के प्रमुख थे। वे अपनी मां सुशीला व पत्नी निर्मला के साथ आईवीआरआई कैंपस में ही रहते थे। उनकी नौकरानी के मुताबिक 15 जुलाई 2015 की रात दो नकाबपोश बदमाश घर में घुसे और नौकरानी व डाक्टर की मां को कमरे में बंद कर दिया था। इसी दौरान बदमाशों ने डा. दीपक की गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी थी। पिछले पांच साल से हत्या के मामले की जांच चल रही है लेकिन अभी तक पुलिस हत्या का खुलासा नहीं कर सकी है।

केस नंबर- 2

सुभाष नगर निवासी कमल किशोर वर्मा क्षेत्र के गणेश नगर में सराफा का व्यापार करते थे। उनकी पत्नी नीलम वर्मा ने बताया कि 5 फरवरी 2020 की शाम को दो नकाबपोश बदमाश दुकान में घुसे और सराफा व्यापारी पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। कमल किशोर की मौके पर ही मौत हो गई थी। हत्या की पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में साफ रिकॉर्ड हुई थी। पिछले डेढ़ साल से भी ज्यादा समय से नीलम पति के हत्यारों को सजा मिलने का इंतजार कर रही हैं लेकिन पुलिस की तरफ से उनकी उम्मीद टूटती नजर आ रही है।

देहात व शहरी क्षेत्र की सभी घटनाओं का खुलासा हो चुका है और दोषियों को जेल भेज दिया गया है। दो लंबित मामलों की जांच भी तेजी से कराई जा रही है। – रोहित सिंह सजवाण, एसएसपी बरेली

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