बाराबंकी: सगी चाची के गले का हार बना मासूम की मौत का कारण, जानें पूरा मामला
बाराबंकी। सगी चाची के गले का हार बना मासूम की मौत का कारण। चचेरी चाची ने कर दी मासूम भतीजे की दिनदहाड़े हत्या और अपने ही घर में दफन कर दी शव। जी हां चौंकिए नहीं यह कोई फिल्म की स्टोरी नहीं है… दरसअल कोतवाली देवा क्षेत्र के ग्राम तिगुरजी मजरे टीपहार में बीती रात …
बाराबंकी। सगी चाची के गले का हार बना मासूम की मौत का कारण। चचेरी चाची ने कर दी मासूम भतीजे की दिनदहाड़े हत्या और अपने ही घर में दफन कर दी शव। जी हां चौंकिए नहीं यह कोई फिल्म की स्टोरी नहीं है… दरसअल कोतवाली देवा क्षेत्र के ग्राम तिगुरजी मजरे टीपहार में बीती रात एक चचेरी चाची के घर में जब 3 वर्षीय मासूम का शव बरामद हुआ तो पुलिस व ग्रामीणों के पैरों तले से जमीन खिसक गई। जानकारी के अनुसार तिगुरजी निवासी बच्छराज यादव के 3 वर्षीय पुत्र हिमांशु को उसकी मां गीता देवी सोमवार को करीब 4:00 बजे स्नान कराने जा रही थी तभी वह मासूम घर से भगा और अपनी चचेरी चाची मीरा उर्फ केतकी पत्नी प्रदीप कुमार के चंगुल में फंस गया।
मासूम को क्या पता था कि आज मेरी हत्या मेरी चाची के हाथों की जाएगी। फिर क्या था उस निर्दई चाची ने मासूम के मुंह में अपना ब्लाउज ठूस दिया और गला दबाकर हत्या करने के बाद उसे अपने टीन सीट नुमा घर में फावड़ा से खोदकर दफन कर दिया। उधर परिजनों को जब बच्चा नहीं मिला तो इधर उधर खोजने लगे। साथ में वह आरोपी चाची भी बच्चे को खोजने में मदद कर रही थी और आश्वासन दे रही थी कि रोओ मत आपका बच्चा मिल जाएगा।
शाम तक जब बच्चे का पता नहीं चला तो परिजनों ने 112 डायल कर पुलिस बुलाई। इसके बाद देवा कोतवाली पुलिस भी मौके पर पहुंच गई और खोजबीन करने में जुट गई परंतु जब मृतक की घर के बगल में टीन शेड नुमा बने चाची के घर में तलाशी ली गई दो मासूम का शव जमीन के नीचे दफन किया बरामद हुआ। तलाशी लेते समय भी केतकी ने अलमारी से कपड़े निकाल कर दफन किये गए स्थान पर फेकने लगी कि कहीं पुलिस को शक ना हो जाए।
परंतु ताजी मिट्टी खुदी होने के कारण पुलिस ने तुरंत भांप लिया और उसको खुदवा कर शव को बरामद किया। अब बताते है कि आखिरकार सगी चाची के गले का हार क्यों बना मासूम की मौत का कारण। मृतक की सगी चाची सरिता पत्नी रामराज का एक सप्ताह पूर्व सोने का हार चोरी हो गया था जिस पर खेवली स्थित नरसिंह दरबार में मोहल्ले वालों से शपथ भी ली गई थी। उस समय हत्या की आरोपी चाची केतकी ने भी वहां पर कसम खाई। फिर भी परिजनों का शंका नहीं मिटा और खेवली में सोनारो के यहां पता लगाया।
इस दौरान एक सोनार ने बताया कि प्रदीप की पत्नी द्वारा एक हार मेरी दुकान पर बेचा गया है । जब उस हार को देखा गया तो वह हार सरिता का ही निकला। अब चोरी होने के बाद सरिता के परिजनों द्वारा एक मन्नत भी मानी गई थी कि यदि हमारा हार मिल जाता है तो हम हनुमान जी मंगर करके प्रसाद बाटेंगे। कल मंगलवार को हनुमान जी का मंगर होना था।
घर में लड्डू, गुड़धनिया, हवन सामग्री इकट्ठा हो गई थी। रात में ढोलक के साथ भजन होना था। अब यह बात केतकी को नागवारा गुजरी, क्योंकि एक तरफ उसकी बेजती हो चुकी थी है और दूसरी उसकी बेजती ढोलक बजा कर की जाएगी। यह बेज्जती उसे मंजूर नहीं था। इस कारण केतकी ने इतना बड़ा कदम उठाते हुए हिम्मत बांध करके दिनदहाड़े मासूम की हत्या करके अपने घर में शव को दफन कर दिया।
रात में ही मौके पर अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. अवधेश सिंह, क्षेत्राधिकारी सीमा यादव, देवा कोतवाल धीरज कुमार, हल्का इंचार्ज त्रियुगी नारायण तिवारी, मित्तई पुलिस चौकी इंचार्ज अवधेश कुमार, विशुनपुर चौकी इंचार्ज शौम्य कुमार जायसवाल, सबइंस्पेक्टर परमात्मानंद पांडेय व सरफराज अहमद सहित तमाम पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। इस संबंध में देवा प्रभारी निरीक्षक धीरज कुमार ने बताया कि मीरा उर्फ केतकी पत्नी प्रमोद कुमार 26 वर्ष, ससुर सर्वजीत निवासी तिगुरजी एवं केतकी के पिता राम अधार निवासी महरौन्ड कोतवाली देवा को हत्या कर लाश को छुपाने की संगीन धाराओं में जेल भेज दिया गया है।
