रायबरेली: फिर से चलेगी प्रदेश की पहली पेपर मिल, नए मालिक ने हासिल किया स्वामित्व
रायबरेली। उत्तर प्रदेश की पहली श्री भवानी पेपर मिल फिर से चलेगी। बंद पड़ी पेपर मिल के नए मालिक ने मिल की जिम्मेदारी संभाल ली है। परिसर स्थित अभयदाता मंदिर में पूजन-अर्चन के बाद परिसमापक ने स्वामित्व प्रमाण पत्र नए मालिक को सौंप दिए। औद्योगिक क्षेत्र में भवानी पेपर मिल फैक्ट्री लगभग 40.61 एकड़ में …
रायबरेली। उत्तर प्रदेश की पहली श्री भवानी पेपर मिल फिर से चलेगी। बंद पड़ी पेपर मिल के नए मालिक ने मिल की जिम्मेदारी संभाल ली है। परिसर स्थित अभयदाता मंदिर में पूजन-अर्चन के बाद परिसमापक ने स्वामित्व प्रमाण पत्र नए मालिक को सौंप दिए।
औद्योगिक क्षेत्र में भवानी पेपर मिल फैक्ट्री लगभग 40.61 एकड़ में बनी है। 1982 में मिल चालू हुई थी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इसका शुभारंभ किया था। यह पेपर मिल देश की नामचीन पेपर मिल मे थी। लगभग 950 अधिकारी-कर्मचारी यहां काम करते थे। इसके बाद प्रबंधन के बीच टकराव के चलते मिल घाटे में चली गई और वर्ष 2015 में यहां ताला लग गया।
बाद में मामला नेशनल कंपनी ला ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) में चला गया। इसके बाद 25 अक्टूबर को मिल को नीलाम कर दिया गया था। वाराणसी के उद्यमी आरके चौधरी ने 45.30 करोड़ में मिल को खरीद लिया। परिसमापक अंजू अग्रवाल के साथ मिल के नए मालिक आरके चौधरी, गंगा पेपर मिल के जीएम मनीष द्विवेदी व अन्य अधिकारी के साथ मिल पहुंचे और परिसर स्थित मंदिर में पूजन किया। परिसमापक ने मिल से संबंधित दस्तावेज आरके चौधरी के सुपुर्द किए।
कितनी ग्रेच्युटी और भविष्य निधि बकाया
05- करोड़ रुपये की ग्रेच्युटी बकाया
60- लाख के आसपास का ग्रेच्युटी पर ब्याज
5.60- करोड़ मूलधन व ब्याज मिलाकर कुल ग्रेच्युटी
350- कर्मियों को होना है ग्रेच्युटी का भुगतान
03- करोड़ रुपये बकाया पीएफ का है मूलधन
2.50- करोड़ रुपये बकाया पीएफ का ब्याज
5.50- करोड़ रुपये पीएफ का होना है भुगतान
600- कर्मियों को पीएफ का होना है भुगतान कर्मियों का होगा हित
पांच माह में चालू होगी मिल
उद्यमी आरके चौधरी बनारस के नामचीन उद्यमी हैं। सूत्र बताते हैं कि मिल में मरम्मत का काम शुरू होगा और पाऔच माह बाद मिल चालू हो सकेगी।
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