रामपुर: मुख्यमंत्री का आदेश 22 सौ हेक्टेयर जमीन पर शरणार्थियों मिलेगा मालिकाना हक
रामपुर, अमृत विचार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रठौंडा मंदिर के मंच से रामपुर के कई हजार उन परिवारों के लिए बड़ी राहत की घोषणा कर दी जोकि 1947 में पाकिस्तान से आए थे और तभी उत्तराखंड से सटे जंगल में अपना आशियाना बनाकर रहे थे और खेतीबाड़ी कर रहे थे। इन पाकिस्तानी शरणार्थियों के कब्जे …
रामपुर, अमृत विचार। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रठौंडा मंदिर के मंच से रामपुर के कई हजार उन परिवारों के लिए बड़ी राहत की घोषणा कर दी जोकि 1947 में पाकिस्तान से आए थे और तभी उत्तराखंड से सटे जंगल में अपना आशियाना बनाकर रहे थे और खेतीबाड़ी कर रहे थे। इन पाकिस्तानी शरणार्थियों के कब्जे वाली करीब 22 सौ हेक्टेयर जमीन पर इन्हें मालिकाना हक देने का ऐलान मुख्यमंत्री ने मंच से कर दिया। रामपुर के प्रशासन को आदेश दिया कि संवेदनशील तरीके से रास्ते निकालें ताकि यह जमीन इन्हें मिले और इन्हें सरकारी सभी सुविधाएं वहीं दी जाएं। शासन स्तर से जल्द उनकी यह कागजी प्रक्रिया पूरी कर दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 1947 से किसी सरकार ने उन्हें हक नहीं दिया। राज्यमंत्री बल्देव औलख के नेतृत्व में मिले शिष्टमंडल को हमने जल्द जमीन का हक दिलाने का वादा किया था। उनके लिए जमीन देने की सुविचारित न्याय संगत कानूनी प्रक्रिया शासनस्तर पर चल रही है। कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारी सुन लें वह तब तक उन्हें हर सुविधा वहीं पर रहकर वे क्रय विक्रय से लेकर खाद-बीच सरकारी योजनाओं से ले सकें उन्हें सुविधाएं दिलाएं। उन्हीं किसी भी तरह से प्रताड़ित नहीं किया जाए। जिस तरह से उन्होंने देश में आकर शरण ली है, हमारी सरकार का फर्ज बनता है उनका साथ दिया जाए।
15 गांवों के हजारों परिवारों को मिलेगी राहत
वन विभाग की 22 सौ हेक्टेयर भूमि अभिलेखों में दर्ज कराए जाने की मांग 15 गावों के ग्रामीणों द्वारा काफी अरसे से की जा रही है। लेकिन उन्हें मालिकाना हक नहीं मिल पाया था। ग्रामीणों को आस थी कि भाजपा की प्रदेश में सरकार बनने पर ही उनकी आस पूरी होगी। मुख्यमंत्री की घोषणा से लोगों में खुशी है। तहसील क्षेत्र के पीपली वन में देश की आजादी के बाद पाकिस्तान से आए शरणार्थियों ने वन विभाग की भूमि पर डेरा डाल लिया था। धीरे धीरे आबादी बढ़ने के साथ 15 गांव स्थापित हो गए और ग्रामीण वन विभाग की जमीन पर खेती करने लगे।
ग्रामीण लगातार सरकार से उनकी भूमि को राजस्व अभिलेखों में दर्ज कराकर मालिकाना हक दिए जाने की मांग अरसे से करते आ रहे थे। ग्रामीणों की लगातार मांग पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जलशक्ति राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख के नेतृत्व में एक कमेटी गठित कर मामले से अवगत कराने के निर्देश दिए थे। जिससे ग्रामीणों में आस जगी थी कि अब उन्हें उनका मालिकाना हक प्राप्त हो जाएगा।
पीपली वन में बसे हैं यह गांव
पीपली वन में बसे गांव भगवंत नगर,नया गांव,आरसल पारसल, फाजिलपुर,नूरपुर हुजूरपुर, कल्याणपुर मिलक मोहम्मद नबी,टांडा गोलू, कुंवरपुर पदमपुर, खुदागंज,हुसैनगंज,सलारपुर, नबीगंज पीपली,अहमद नगर निकट दरियाब नगर,पदमपुर शामिल हैं।
पीपली वन के आकंड़े एक नजर में
पीपली वन में कुल गांव 15 ग्राम पंचायत सात कुल आबादी 35 हजार से अधिक हैं। सन 1961-62 में यू पी में पंचायतों का गठन होने के बाद से पीपली वन में ग्राम पंचायतों को शासन से मिलने वाली मूलभूत सुविधाएं दी जा रही हैं। पंचायतों के बने सात प्रधान गावों का विकास करा रहे हैं।
