नई घड़ियों में हमेशा 10.10 समय पर ही क्यों सेट की जाती हैं सुईयां, जानें इसकी वजह…
आप ने कभी ध्यान दिया हो तो ये जरूर देखा होगा कि घड़ियों के विज्ञापन या घड़ी के शोरूम में बंद पड़ी घड़ी में अक्सर 10.10 समय देखा होगा। गौर नहीं किया! कोई बात नहीं, कुछ क्षणों के लिए फ्लैशबैक में जाएं तो आपको याद आ जाएगा। और अगर याद न आए तो किसी घड़ी …
आप ने कभी ध्यान दिया हो तो ये जरूर देखा होगा कि घड़ियों के विज्ञापन या घड़ी के शोरूम में बंद पड़ी घड़ी में अक्सर 10.10 समय देखा होगा। गौर नहीं किया! कोई बात नहीं, कुछ क्षणों के लिए फ्लैशबैक में जाएं तो आपको याद आ जाएगा। और अगर याद न आए तो किसी घड़ी के शोरूम पर जा सकते हैं, नहीं तो गूगल पर वॉल क्लॉक की तस्वीरें सर्च कर लीजिए। आपके सामने जो घड़ियां आएंगी उनमें समय ही 10.10 होगा। चाहें वॉल क्लॉक हो या टाइमपीस या फिर रिस्ट वॉच, सभी नई घड़ियों में यही समय दिखाया जाता है। जानिए घड़ी कंपनियां ऐसा क्यों करती हैं?
ऐसा करने की कई वजह बताई गई हैं जिसमें से कुछ हैं….
- पहली वजह है, सुइयों का अरेंजमेंट। जब घड़ी में 10 बजकर 10 मिनट हो रहे होते हैं तो तीनों सुई एक दूसरे को ओवरलैप नहीं करतीं। इसके साथ ही घड़ी पर मौजूद कंपनी का लोगो और ब्रांड का नाम सब कुछ साफतौर पर देखा जा सकता है।
2. कई घड़ियों में 3, 6 और 9 अंकों के पास तारीख या फिर सेकंड डायल मौजूद होता है। इसलिए घड़ी में 10 बजकर 10 मिनट बजने पर न तो सेकंड डायल की खूबसूरती पर असर पड़ता है और न ही तारीख की जगह को सुइयां घेरती हैं।
3. घड़ी बनाने वाली कंपनी टाइमेक्स के एक कर्मचारी का कहना है, 10 बजकर 10 मिनट का समय हैप्पी स्माइली की तरह हैप्पी मूड को बताता है, इसलिए ऐसा किया जाता है। घड़ी कंपनियों का यह भी मानना है यह समय घड़ी की खूबसूरती को साफतौर पर बयां करता है।
4. ऐसा समय सेट करने के लेकर कुछ मिथक और मान्यताएं भी चली आ रही हैं। कई लोगों का कहना है, 10 बजकर 10 मिनट का कनेक्शन अब्राहम लिंकन, मार्टिन लूथर किंग द्वितीय की मौत के समय से है, जबकि इतिहास पर नजर डालेंगे तो पाएंगे ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। अब्राहम लिंकन को गोली 10 बजकर 15 मिनट पर लगी थी और मौत अगली सुबह 7 बजकर 22 मिनट पर हुई थी। वहीं, मार्टिन लूथर की मौत शाम को 7 बजकर 5 मिनट पर हुई थी।
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