अयोध्या: सर्दी पर आस्था भारी, श्रद्धालुओं ने मौन रहकर सरयू में लगाई पुण्य की डुबकी
अयोध्या। अयोध्या में मौनी अमावस्या के मौके पर सरयू तट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। कड़ाके की सर्दी भी श्रद्धालुओं की आस्था को डिगा न सकी और मौन रहकर पवित्र सरयू नदी में स्नान किया। दान करने के बाद अपने आराध्य प्रभु श्रीराम व हनुमान जी का दर्शन-पूजन किया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के …
अयोध्या। अयोध्या में मौनी अमावस्या के मौके पर सरयू तट पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। कड़ाके की सर्दी भी श्रद्धालुओं की आस्था को डिगा न सकी और मौन रहकर पवित्र सरयू नदी में स्नान किया। दान करने के बाद अपने आराध्य प्रभु श्रीराम व हनुमान जी का दर्शन-पूजन किया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम थे।
सुबह से ही सरयू के तट पर लगने लगी श्रद्धालुओं की भीड़
मंगलवार को भोर में ही श्रद्धालु सरयू तट पर पहुंचने लगे थे। गुप्तार घाट व अयोध्या धाम के घाटों पर पहुंचे श्रद्धालुओं में आस्था साफ दिख रही थी। स्नान करने के बाद दान किया और भगवान राम और हुनमान जी का दर्शन किया। बता दें कि सोमवार की दोपहर 2:18 से अमावस्या लगी, जो कि मंगलवार को 11:25 मिनट तक जारी थी। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन सभी देवी-देवता गंगा में वास करते हैं। इस कारण गंगा स्नान का महत्व है।
मौनी अमावस्या पर पवित्र नदियों में किया जाता है स्नान
हरिद्वार, प्रयागराज समेत गंगा से जुड़े सभी तीर्थ स्थलों पर इन दिन स्नान करने के लिए लोग आते हैं। अन्य पवित्र नदियों में भी स्नान किया जाता है। इसी कड़ी में अयोध्या में भी सरयू नदी के किनारे स्नान करने वाले भक्तों को तांता सुबह से ही लगा रहा। सरयू घाट के पुरोहित राम आधार पांडेय ने बताया कि प्रभु राम की नगरी में मौनी अमावस्या का बहुत महत्व है।
प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी सुबह से ही स्नान करने वालों का जमावड़ा लगा रहा। भक्त अयोध्या से स्नान करके प्रयागराज को जाते हैं और प्रयागराज से स्नान करने वाले अयोध्या आते हैं। ऐसी मान्यता है कि आज के दिन स्नान करने से सभी की मनोकामना पूर्ण होती है। स्नान के साथ साथ गौ दान, तिल दान, नए ऊनी वस्त्रों का दान करने से भी सुख शांति की अनुभूति होती है।
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