लखनऊ: निजी स्कूलों की फीस न बढ़ाने के मामले की सुनवाई टली, पढ़ें…

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लखनऊ। प्रदेश के निजी स्कूलों की फीस इस साल भी न बढ़ाए जाने सम्बंधी शासनादेश को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरूवार को सुनवाई नहीं हो सकी। मामले की अगली सुनवाई अब 10 फरवरी को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ उत्तर प्रदेश …

लखनऊ। प्रदेश के निजी स्कूलों की फीस इस साल भी न बढ़ाए जाने सम्बंधी शासनादेश को चुनौती देने वाली याचिका पर गुरूवार को सुनवाई नहीं हो सकी। मामले की अगली सुनवाई अब 10 फरवरी को होगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति एआर मसूदी व न्यायमूर्ति एनके जौहरी की खंडपीठ ने एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स ऑफ उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष अतुल राय व एक अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर पारित किया गया। याचिका में सरकार के 7 जनवरी 2022 के शासनादेश को खारिज करने की मांग की गई है। दलील दी गई है कि उक्त शासनादेश शैक्षिक संस्थानों के संवैधानिक अधिकारों का हनन कर रहा है।

सरकार के फैसले के कारण दो साल से नहीं बढ़ी है फीस

कहा गया है कि सरकार ने इस शासनादेश के तहत प्रदेश भर के निजी स्कूलों में पिछले दो साल की तरह इस साल भी फीस बढ़ाने पर रोक लगा दी है जिससे बड़े पैमाने पर स्कूल व स्टाफ के हित प्रभावित हो रहे हैं। पिछली सुनवाई के दौरान अपर मुख्य स्थाई अधिवक्ता ने न्यायालय से अनुरोध किया था कि इस मामले में महाधिवक्ता पक्ष रखेंगे।

लिहाजा मामले की सुनवाई किसी और दिन के लिए टाल दी जाए। न्यायालय ने अनुरोध को स्वीकार करते हुए मामले को 3 फरवरी के लिए सूचीबद्ध करने का आदेश दिया था। बावजूद इसके गुरूवार को महाधिवक्ता व उन्हें असिस्ट करने वाले अधिवक्ता एचपी श्रीवास्तव के उपस्थित न रहने पर कोर्ट ने नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह ‘अप्रशंसनीय’ है।

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