महाभारत काल में द्रोपदी के गजरे पर सजने वाला और मां सीता का बेहद खास है यह फूल

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अरुणाचल प्रदेश और असम का राज्य पुष्प फाक्सटेल आर्किड इन दिनों उत्तरकाशी के मांगली बरसाली गांव में भी महक रहा है। पिछले कुछ सालों में वन अनुसंधान केंद्र द्वारा इसे नैनीताल जिले में उगाने के सफ़ल प्रयास किये गये थे। इस फूल को हिंदी में द्रौपदीमाला कहते हैं। इस पुष्प को धार्मिक, औषधीय और सांस्कृतिक …

अरुणाचल प्रदेश और असम का राज्य पुष्प फाक्सटेल आर्किड इन दिनों उत्तरकाशी के मांगली बरसाली गांव में भी महक रहा है। पिछले कुछ सालों में वन अनुसंधान केंद्र द्वारा इसे नैनीताल जिले में उगाने के सफ़ल प्रयास किये गये थे। इस फूल को हिंदी में द्रौपदीमाला कहते हैं। इस पुष्प को धार्मिक, औषधीय और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी माना जाता है।

धार्मिक महत्व को देखते हुए उत्तराखंड के वन महकमे ने भी इसे सहेजने की योजना बनाई है। पुष्प को वन अनुसंधान केंद्र ने हल्द्वानी स्थित एफटीआई नर्सरी में खिलाकर संरक्षित किया है। वन अनुसंधान केंद्र के मुताबिक अस्थमा, किडनी स्टोन, गठिया रोड व घाव भरने में द्रोपदीमाला को दवा के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। अपने औषधीय गुणों के कारण फॉक्सटेल की बाज़ार में इस कदर मांग है कि अरुणाचल प्रदेश में इसकी तस्करी तक होती है।

औषधीय, धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत से जुड़ा द्रोपदीमाला फूल उत्तराखंड में खिलने लगा है. महाभारत में द्रोपदी के गजरे पर सजने वाला और मां सीता का बेहद खास यह फूल दुनिया भर में फॉक्सटेल के नाम से जाना जाता है। फॉक्सटेल असम व अरुणाचल का राज्य पुष्प भी है।

द्रोपदीमाला नाम का यह फूल असम में बेहद लोकप्रिय है। असम ने इसे प्रेम का प्रतीक माना जाता है। शुभ अवसरों पर किये जाने वाले बीहू नृत्य के समय असम की महिलायें आज भी इसे द्रोपदीमाला को अपने बालों में सजाती हैं। पंश्चिम बंगाल व आसाम में इसे कुप्पु फूल के नाम से जाना जाता है। महाराष्ट्र में इसे रामायण से जोड़ कर देखा जाता है इसी कारण इसका वहां नाम सीतावेणी है। महाभारत के अनुसार द्रोपदी माला के तौर पर इन फूलों को इस्तेमाल करती थीं, इसी वजह से इसे द्रोपदीमाला कहा गया है।

द्रोपदीमाला आर्किड प्रजाति का एक फूल है। आर्किड जमीन और पेड़ दोनों पर होता है। आमतौर पर 1500 मीटर ऊंचाई पर द्रोपदीमाला बांज व अन्य पेड़ों पर नजर आता है। उत्तराखंड में नैनीताल और गौरीगंगा इलाके में फॉक्सटेल के फूल खूब देखे जा सकते हैं।