मुरादाबाद: अप्रैल से नया सत्र, पुराने का 50 फीसदी भी पाठ्यक्रम पूरा नहीं

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मुरादाबाद, अमृत विचार। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ रहे 1.86 लाख बच्चों का भविष्य अंधकार में है। फरवरी बीत रहा है और अप्रैल से नया शैक्षणिक सत्र शुरू होगा, लेकिन अब तक इन स्कूलों के बच्चों की छमाही परीक्षा की तारीख भी शासन से घोषित नहीं हुई है। ऐसे में छमाही और वार्षिक …

मुरादाबाद, अमृत विचार। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ रहे 1.86 लाख बच्चों का भविष्य अंधकार में है। फरवरी बीत रहा है और अप्रैल से नया शैक्षणिक सत्र शुरू होगा, लेकिन अब तक इन स्कूलों के बच्चों की छमाही परीक्षा की तारीख भी शासन से घोषित नहीं हुई है। ऐसे में छमाही और वार्षिक परीक्षा कब होगी, इसको लेकर ऊहापोह है।

प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में विधानसभा चुनाव रहा, लेकिन बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में पढ़ रहे लाखों छात्रों के भविष्य की चिंता नहीं। तभी तो फरवरी के आखिरी सप्ताह तक इन स्कूलों में छमाही परीक्षा की तारीख भी नहीं घोषित हुई। जिले में भी 1408 परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालयों में 1.86 लाख बच्चे हैं, लेकिन कोविड संक्रमण और विधानसभा चुनाव की तैयारी के चलते स्कूलों की बंदी से बच्चों का भविष्य अंधकार में है।

इन स्कूलों के बच्चों का शैक्षणिक स्तर सुधारने के लिए तो कई योजनाओं का ढोल सरकार के पास पीटने को है पर असल में सरकारी स्कूलों में पढ़ाई चौपट हो गई है। न तो सरकार इतना संसाधन देती है कि स्कूलों में आनलाइन कक्षाओं का संचालन हो सके और न गरीब परिवार के इन बच्चों के अभिभावकों की आर्थिक स्थिति ऐसी है कि एंड्रायड फोन वह अपने बच्चों के लिए उपलब्ध करा सकें। जिससे उनको ऑनलाइन कक्षा में जोड़कर शिक्षक से ज्ञान ले सकें। ऐसे में संभावना है कि परिषदीय स्कूल के लाखों बच्चे इस पर छमाही परीक्षा से वंचित रह जाएं। यदि परीक्षा होगी तो सीधे वार्षिक परीक्षा कराई जाएगी। शिक्षाधिकारी भी इसी उम्मीद हैं, लेकिन जब तक सरकार का स्पष्ट आदेश न जाए वह भी ऊहापोह में हैं।

छमाही और वार्षिक परीक्षा का कार्यक्रम सरकार के आदेश के क्रम में जारी होता है। अब तक न तो छमाही की तारीख घोषित हुई और न वार्षिक परीक्षा की। ऐसे में उम्मीद है कि मार्च में अब सीधे वार्षिक परीक्षा का आदेश आए। इसके अनुरूप शिक्षकों से बच्चों का विषयवार पाठ्यक्रम अंतिम रूप से तैयार कराने का निर्देश दिया है। सरकार का जो आदेश मिलेगा उसका पालन कराएंगे। -बुद्धप्रिय सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

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