अलीगढ़: हर हर महादेव के जयकारों से गूंज उठा खेरेश्वर, रात 12 बजे से ही भक्तों की उमड़ी भीड़
अलीगढ़। अलीगढ़ में सोमवार रात से ही महाशिवरात्रि पर्व पर धुम मचने लगी है। भोले के भक्तों ने जयकारों की गूंज से बाबा की विधि विधान से पूजा की। जिसके बाद खेरेश्वर धाम में महाआरती हुई भोलेनाथ की। 12 बजे से भक्तों की उमड़े भीड़ ने शिव का श्रद्धा भाव से जलाभिषेक किया। अलीगढ़ आने …
अलीगढ़। अलीगढ़ में सोमवार रात से ही महाशिवरात्रि पर्व पर धुम मचने लगी है। भोले के भक्तों ने जयकारों की गूंज से बाबा की विधि विधान से पूजा की। जिसके बाद खेरेश्वर धाम में महाआरती हुई भोलेनाथ की। 12 बजे से भक्तों की उमड़े भीड़ ने शिव का श्रद्धा भाव से जलाभिषेक किया।
अलीगढ़ आने वाले कांवड़ियों ने भोलेनाथ का गंगाजल से जलाभिषेक किया और उनसे अपने परिवार के लिए मंगल कामना की। हजारों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने खेरेश्वर धाम में बाबा का अभिषेक किया और सारी रात मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। खेरेश्वर के साथ ही अचल ताल स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर में भी हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने रात में ही भोलेनाथ के दर्शन किए और उनक अभिषेक कर पूजा अर्चना की।
द्वापर युग का है खेरेश्वर मंदिर
अलीगढ़ के लोधा ब्लाक में गांव हरिदासपुर में स्थित भोलेनाथ का खेरेश्वर धाम मंदिर द्वापर कालीन का है। मान्यता है कि मंदिर के शिवलिंग की स्थापना भगवान श्रीकृष्ण ने की थी और पांडवों ने भी यहां पूजा अर्चना की है। भगवान श्रीकृष्ण और बलदाऊ मथुरा से गंगा स्नान के लिए जा रहे थे। उस समय यहां टीला हुआ करता था और रात में उन्होंने यही पर विश्राम किया था।
गंगा स्नान से लौटने के बाद भगवान श्रीकृष्ण व बलदाऊ ने यहां टीले पर शिवलिंग की स्थापना की, जिसके बाद से ही यहां भोलेनाथ की पूजा अर्चना शुरू हो गई। फिर उन्होंने कोल का साम्राज्य पांडवों को सौंप दिया था और पांडवों ने भी इस मंदिर में पूजा अर्चना की थी। मंदिर में दाऊजी महाराज का भी मंदिर स्थापित है और यहां पर सावन व देवछठ में कुश्ती, दंगल, कबड्डी जैसी विभिन्न प्रतियोगिताएं भी होती हैं। इन प्रतियोगिताओं में शामिल होने के लिए देश भर से खिलाड़ी यहां आते हैं।
यह भी पढ़े-बरेली: नाथ नगरी में गूंजा बम-बम भोले, शिव के दर्शन के लिए घंटो लाइनों में लगे भक्त
