लखीमपुर खीरी: जनपद की शान आरती राना को राष्ट्रपति ने किया पुरस्कृत
पलिया कलां,अमृत विचार। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिन 29 महिलाओं को नारी शक्ति पुरस्कार दिया गया, उनमें जनपद लखीमपुर खीरी की पलिया तहसील क्षेत्र के आदिवासी थारू जनजाति बहुल ग्राम गोबरौला की आरती राना भी हैं । यह पुरस्कार उन्हें अपने क्षेत्र की सैकड़ों महिलाओं को हस्तशिल्प …
पलिया कलां,अमृत विचार। देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिन 29 महिलाओं को नारी शक्ति पुरस्कार दिया गया, उनमें जनपद लखीमपुर खीरी की पलिया तहसील क्षेत्र के आदिवासी थारू जनजाति बहुल ग्राम गोबरौला की आरती राना भी हैं ।
यह पुरस्कार उन्हें अपने क्षेत्र की सैकड़ों महिलाओं को हस्तशिल्प सिखा कर हथकरघा उद्योग से जोड़ अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए दिया गया है। उन्हें देश के गृह राज्य मंत्री व क्षेत्रीय सांसद अजय कुमार मिश्र ने भी अपने हाथों आज दिल्ली में पुरस्कृत किया।
ज्ञात हो कि जनपद की नेपाल सीमा पर दुधवा के जंगलों के मध्य आबाद आदिवासी थारू ग्राम गोबरौला की निवासी आरती राना को बचपन से ही थारू हस्तशिल्प जैसे जूट, बल्ला या बांसी की डलिया ,पंखा, पायदान ,पूजा आसनी, पर्स, फूलदान आदि बनाने का शौक था ।
पश्चात उन्होंने हथकरघा का प्रशिक्षण प्राप्त कर स्वयं सहित गांव की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की सोंची और महिलाओं का स्वयं सहायता समूह बनाकर उन्हें हस्तशिल्प में पारंगत किया। आज ये महिलाएं नए उत्पाद जैसे मोबाइल कवर, पेपर स्टैंड, बाल हैंगिंग बैग, मैगजीन बैग, डलवा सहित हैंडलूम बेडशीट, कुशन ,सोफा कवर, थारू ड्रेस, बच्चों के झूले आदि भी बना रही हैं ।
उत्तर प्रदेश वनवासी सेवा संस्थान सहित राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन एवं जनजाति विकास विभाग का सहयोग ले उन्होंने क्षेत्र की सैकड़ों महिलाओं को अपने मिशन से जोड़ा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाया। यही कारण है कि आज आरती राना स्वयं में क्षेत्र की ही नहीं ,बल्कि जिले की पहचान बन चुकी हैं । थारू हस्तशिल्प उत्पाद प्रदेश सरकार द्वारा एक जिला एक उत्पाद में भी शामिल हो चुका है। ऑनलाइन बिक्री के लिए थारु हस्तशिल्प को ऑनलाइन बिक्री करने वाली कंपनियों से जोड़ा जा चुका है और यह महिलाएं उसका लाभ भी उठा रही हैं।
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