मुरादाबाद मंडल में तपस्या के फल से वंचित रह गई भाजपा, 10 सीटों से करना पड़ा संतोष

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आशुतोष मिश्र/अमृत विचार। तपस्या से सफल होने का सपना देखने वाले भाजपाई उदास हो गए। मंडल की 27 सीटों में महज 10 पर ही भाजपा सिमट गई। जबकि 17 विधायक सपा के जीते हैं। 2017 में सपा के कुल 13 विधायक जीते थे। सपा चार सीटों फायदे में है। यानी की भाजपाईयों के तपस्या में कुछ …

आशुतोष मिश्र/अमृत विचार। तपस्या से सफल होने का सपना देखने वाले भाजपाई उदास हो गए। मंडल की 27 सीटों में महज 10 पर ही भाजपा सिमट गई। जबकि 17 विधायक सपा के जीते हैं। 2017 में सपा के कुल 13 विधायक जीते थे। सपा चार सीटों फायदे में है। यानी की भाजपाईयों के तपस्या में कुछ चूक रह गयी।

भाजपा ने मंडल की सभी सीटों पर जीत के हर जतन किए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ यहां के कई कार्यक्रमों में इस बात की चर्चा भी किए। तभी पार्टी के बड़े चेहरे शहर और आसपास के जिलों में आते रहे। विकास की योजनाओं की झड़ी लगाई गई। चुनाव से पहले पांच सालों में मुख्यमंत्री नौ बार जिले में आए। पार्टी के एजेंडे में मंडल था। पार्टी के प्रवक्ता राज्यसभा सदस्य डॉ.जफर इस्लाम को विशेष रूप से मुरादाबाद की जिम्मेदारी दी गई।

विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले विधान परिषद सदस्य के रूप में गोपाल अंजाम की ताजपोशी हुई। शिक्षक स्नातक निर्वाचन में अमरोहा -बिजनौर क्षेत्र से डॉ. हरि सिंह ढिल्लो निर्वाचित हुए। यानी कि नियंताओं ने कमल खिलाने की पूरी टीम रचना की, लेकिन चुनाव परिणाम ने जिम्मेदारों की मेहनत का सच सामने रख दिया। मुरादाबाद की छह सीटों में सिर्फ शहर भाजपा के खाते में आई। वह भी बड़ी मशक्कत के बाद।

रामपुर के पांच क्षेत्रों में तीन पर सपा की साइकिल दौड़ी। सांसद आजम खान ने अपनी ताकत का लोहा मनवा दिया। वह जेल से चुनाव जीत गए। बेटे की विधायकी भी बहाल हो गई। दो सीटों से भाजपा को संतोष करना पड़ा। यह जरूर है कि पार्टी 2017 की तुलना में अपनी प्रतिष्ठा बचाने में कामयाब रही, लेकिन दोनों सीटों पर जीत का अंतर बहुत कम है। संभल की चार सीटों में तीन पर सपा का कब्जा हो गया। मंत्री गुलाब देवी अपनी सीट बचाने में कामयाब रहीं, लेकिन गुन्नौर पर कमल का क्रम बरकरार रखने में कामयाब नहीं हो पाई।

अमरोहा जिले में भाजपा और सपा की जंग बराबरी पर छूटी। यानी कि दो विधायक भाजपा के जीते और दो सपा के। अमरोहा शहर सीट और नौगांवा सादात सपा के कब्जे में रही। मंडी धनौरा और हसनपुर से भाजपा का कमल खिला। बिजनौर जिले में भाजपा को बड़ा झटका लगा, यहां भाजपा को चार सीटें मिली हैं।

बिजनौर शहर सीट पर विधायक सूची मौसम चौधरी, नहटौर से ओम कुमार, बढ़ापुर से सुशांत सिंह और धामपुर से अशोक राणा चुनाव जीत गए, लेकिन नजीबाबाद सीट पर सपा के तस्लीम की राह रोकने में भाजपा के राजा भारतेंद कामयाब नहीं हो पाए। चांदपुर सीट पर विधायक कमलेश सैनी और सपा के ओमवीर जंग जारी है। अलबत्ता नूरपुर में रामौतार सैनी और सुरक्षित नगीना से सपाई मनोज कुमार पारस जीते हैं। मुरादाबाद की शहर सीट के अलावा, देहात, कांठ, कुंदरकी, बिलारी, ठाकुरद्वारा से सपा के उम्मीदवार कामयाब हुए हैं।

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