हेमू कालाणी की देशभक्ति और जज्बे से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें युवा: लखमानी
बहराइच। शहर के भानीरामका धर्मशाला में सिंधु सभा बहराइच की ओर से अमर शहीद हेमू कालाणी जी की 99वीं जयंती मनाई गई। जिसमें सिंधी समाज के लोगों ने भाग लिया। पूज्य सिंधी सभा बहराइच के संयोजक रमेश तलरेजा व महिला इकाई की संयोजक हेमा रूपानी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। मुख्य वक़्ता …
बहराइच। शहर के भानीरामका धर्मशाला में सिंधु सभा बहराइच की ओर से अमर शहीद हेमू कालाणी जी की 99वीं जयंती मनाई गई। जिसमें सिंधी समाज के लोगों ने भाग लिया। पूज्य सिंधी सभा बहराइच के संयोजक रमेश तलरेजा व महिला इकाई की संयोजक हेमा रूपानी ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की।
मुख्य वक़्ता कतर्नियाघाट फ्रेंड्स क्लब के अद्धयक्ष भगवान दास लखमानी रहे। लखमानी ने अमर शहीद हेमू कालाणी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अमर शहीद हेमू कालाणी सबसे कम उम्र के क्रांतिकारी और स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। हेमू कालाणी का जन्म आजादी के पूर्व पाकिस्तान के सिंध प्रांत के सक्खर जिले में हुआ था। शहीद हेमू ने लोगों को स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करने के लिए मनाने की कोशिश की।
हेमू कालाणी ने अंग्रेजों को देश से बाहर भगाने के उद्देश्य से विरोध प्रदर्शनों में भाग लेना शुरू कर दिया। सन 1942 में हेमू कालाणी महात्मा गाँधी के भारत छोड़ो आन्दोलन में शामिल होने पर प्रताड़ित किया।
हेमू ने किसी भी जानकारी का खुलासा करने से मना कर दिया, उन पर मुकदमा चलाया गया और मौत की सजा सुनाई गई। सिंध के लोगों ने वॉयसराय से दया के लिए याचिका दायर की, लेकिन इसे देने के लिए अंग्रेजों ने यह शर्त रक्खी कि हेमू अपने साथियों के नाम और पहचान बता दें, हेमू ने ऐसा करने से मना कर दिया। उन्हें 21 जनवरी 1943 को फांसी दे दी गई। ऐसे में समाज के लोग उनके रास्ते पर चलकर आगे बढ़ें।
इस अवसर पर पूज्य सिंधी सभा के ओमप्रकाश रूपानी, विशाल कोटवानी, भीमसेन रूपानी, विशन दास रूपानी, मनीष रूपानी, कंचन कोटवानी, मीना रूपानी, गुंजा कोटवानी, रजनी रूपानी, काजल रिजवानी,अन्नू रूपानी मौजूद रहे।
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