विदेशी धरती पर स्पिनर को विकेट देना अपराध जैसा है : मोमिनुल हक
पोर्ट एलिजाबेथ। विदेशी धरती पर स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ ढह जाना बांग्लादेश के कप्तान मोमिनुल हक को रास नहीं आया है।हालांकि उनका विश्वास है शुक्रवार से पोर्ट एलिजाबेथ में शुरू होने वाले दूसरे और अंतिम टेस्ट में उनकी टीम वापसी करने के लिए तैयार है। डरबन में में चौथी पारी में 274 रनों का पीछा …
पोर्ट एलिजाबेथ। विदेशी धरती पर स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ ढह जाना बांग्लादेश के कप्तान मोमिनुल हक को रास नहीं आया है।हालांकि उनका विश्वास है शुक्रवार से पोर्ट एलिजाबेथ में शुरू होने वाले दूसरे और अंतिम टेस्ट में उनकी टीम वापसी करने के लिए तैयार है। डरबन में में चौथी पारी में 274 रनों का पीछा करते हुए बांग्लादेश ने अपने टेस्ट इतिहास का दूसरा सबसे छोटा स्कोर 53 बनाया और विपक्षी स्पिनर्स केशव महाराज और साइमन हार्मर को सारे विकेट लेने दिए।
मैच के चौथे दिन स्टंप्स तक बांग्लादेश ने शुरुआती तीन विकेट गंवा दिए थे लेकिन अनुभवी मुशफ़िकुर रहीम के होते हुए टीम को उम्मीद थी कि आखिरी दिन टेस्ट बचाया जा सकता था। ऐसे में पांचवीं सुबह मुशफ़िकुर महाराज की एक सीधी गेंद मिस कर गए और उनके पगबाधा होने के बाद विकेट पर कोई भी टिक नहीं सका।
मोमिनुल ने कहा, “विदेशी धरती पर स्पिनर को अपने विकेट सौंपना किसी अपराध से कम नहीं। आपको विदेशी दौरे पर स्पिनर को अपनी विकेट नहीं देनी चाहिए बल्कि उनके विरुद्ध आप को सबसे अधिक रन बनाने चाहिए। मैं खुद को भी दोषी मानता हूं क्योंकि दोनों पारियों में मैंने रन नहीं बनाए। यह बल्लेबाजी क्रम की पूरी असफलता थी। हम दबाव को नहीं संभाल पाए।”
यह मोमिनुल के लिए एक यादगार टेस्ट होना चाहिए था क्योंकि उन्होंने बांग्लादेश के लिए इस प्रारूप में 50 मैच पूरे किए लेकिन उनके खाते में 0 और 2 के स्कोर ही आए। अपनी निरंतरता के लिए प्रसिद्ध मोमिनुल ने अपने पिछली 10 पारियों में सिर्फ़ एक अर्धशतक लगाया है। हालांकि उन्होंने फॉर्म में लौटने पर विश्वास जताते हुए कहा, “मुझे नहीं लगता कप्तानी से मेरे बल्लेबाजी पर कोई असर पड़ रहा है। मैं इस बारे में चिंतित नहीं हूं। मुझे फॉर्म में आने के लिए बस एक अच्छी पारी की जरूरत है।”
मोमिनुल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि उनकी टीम को यह समझना है कि डरबन में एक बुरे दिन की वजह से दूसरे टेस्ट के लिए उनकी मनोस्थिति पर असर नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा, “हमने पांच में से चार दिनों तक डटकर मुक़ाबला किया था। हमने चौथे और पांचवे दिन के खेल में ख़राब बल्लेबाज़ी ज़रूर की। इस मैच के कई सकारात्मक पहलू थे जिनसे हम काफ़ी उत्साहित हैं।
महमुदुल हसन जॉय की 137 की पारी, लिटन कुमार दास, यासिर अली और मेहदी हसन की बल्लेबाज़ी भी आकर्षक थी। तेज गेंदबाजों ने भी बहुत अच्छी गेंदबाजी की। हमने पांचों दिन खराब क्रिकेट नहीं खेला। हमने बस एक दिन ख़राब खेला और टेस्ट क्रिकेट में वहां से वापसी करना मुश्किल हो जाता है। हमें बस मानसिक तौर पर शक्तिशाली होना है और हम सीरीज़ में वापसी कर लेंगे।”
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