बरेली: 15 दिन में सिर्फ 300 रुपये के बिके जरी-जरदोजी के उत्पाद

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 बरेली, अमृत विचार। स्थानीय हस्तशिल्प और स्थानीय महत्व वाले उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए रेलवे ने वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना की शुरुआत की है। इसके तहत बरेली जंक्शन और आंवला स्टेशन पर भी स्टाल लगाए गए हैं। मुरादाबाद स्टेशन से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस योजना की शुरुआत की गई थी। बाद में बरेली …

 बरेली, अमृत विचार। स्थानीय हस्तशिल्प और स्थानीय महत्व वाले उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए रेलवे ने वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना की शुरुआत की है। इसके तहत बरेली जंक्शन और आंवला स्टेशन पर भी स्टाल लगाए गए हैं। मुरादाबाद स्टेशन से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इस योजना की शुरुआत की गई थी।

बाद में बरेली और आंवला समेत मंडल के 29 स्टेशनों पर इस योजना को शुरू किया गया मगर बरेली के हस्तशिल्पियों को अब तक इसका कोई खास लाभ नहीं मिल पाया है। हस्तशिल्पियों के मुताबिक जो माल तैयार कर लगाया है उसकी कीमत निकालना तो दूर जो शुल्क जमा किया उतनी खरीदारी भी नहीं हो पाई। इसकी बड़ी वजह जंक्शन पर ट्रेनों के कम समय के लिए ठहराव को माना जा रहा है।

मोहम्मद ऐतेशाम जरी का काम करते हैं। रेलवे की वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना के बारे में बता चला तो उन्होंने आवेदन कर दिया, जिसके बाद उन्हें 1000 रुपये का शुल्क जमा करने और कागजी कार्रवाई पूरी करने के बाद 15 दिन के लिए आंवला स्टेशन पर स्टाल आवंटित कर दिया गया। मगर 15 दिन के अंदर महज 300 रुपये के ही उत्पाद बेच पाए। बीती 8 जुलाई को स्टाल लगाया था और अब 22 जुलाई को आवंटन खत्म हो रहा है। अब तक महज 600 रुपये के ही उत्पाद बेच पाए हैं।

वह कहते हैं कि ट्रेनें ही कम समय के लिए स्टेशन पर रुकती हैं। इतनी देर में यात्री क्या खरीदारी करेगा। बता दें कि जंक्शन से 100 से ज्यादा ट्रेनें हर रोज गुजरती हैं। अधिकांश ट्रेनों का स्टापेज 2 से 3 मिनट तक ही है। इतनी देर में यात्री सिर्फ जरूरी सामान खरीदने के लिए ही ट्रेन से उतरते हैं। वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना भविष्य में मंडल के सभी 121 स्टेशनों पर शुरू करने की तैयारी है।

इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य मंडल में प्रसिद्ध क्षेत्रीय वस्तुओं, हस्तशिल्प, कलाकृतियों, पारंपरिक शिल्प एवं लघु उद्यमों व कला को समाज और आमजन तक पहुंचाना है। साथ ही देश -विदेश में प्रचार- प्रसार के जरिए रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित करना है। फिलहाल वन स्टेशन वन प्रोडक्ट योजना को ट्रायल के तौर पर चलाया जा रहा है।-सुधीर सिंह, सीनियर डीसीएम, मुरादाबाद रेल मंडल

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