राष्ट्रीय हड्डी और जोड़ दिवस : सड़क दुर्घटना में 10 साल में 13 लाख लोगों ने गवां दी जान
लखनऊ, अमृत विचार । ट्रैफिक रूल का पालन न करना सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनता जा रहा है। सड़क दुर्घटना में समय पर इलाज न मिलने से कई लोगों की मौत तक हो जाती है। वहीं बहुत से घायल ऐसे होते हैं जिनके हड्डिओं में गंभीर चोट आती है। ऐसी घटनाओं की रोकथाम करने के …
लखनऊ, अमृत विचार । ट्रैफिक रूल का पालन न करना सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनता जा रहा है। सड़क दुर्घटना में समय पर इलाज न मिलने से कई लोगों की मौत तक हो जाती है। वहीं बहुत से घायल ऐसे होते हैं जिनके हड्डिओं में गंभीर चोट आती है। ऐसी घटनाओं की रोकथाम करने के लिए इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन ने बीड़ा उठाया है।
लोगों में अस्थि व जोड़ों के स्वास्थ्य के बारे में जागरुकता लाने के लिए साल 2012 से हर वर्ष 4 अगस्त के दिन राष्ट्रीय हड्डी और जोड़ दिवस मनाता है। इसी के तहत आज एपेक्स ट्रॉमा सेंटर के अस्थि रोग विभाग ने बेसिक लाइफ सपोर्ट स्किल्स पर एक कार्यशाला का आयोजन किया।
इस अवसर पर स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांटेशन ऑर्गनाइजेशन के नोडल अधिकारी व अस्पताल प्रशासन के एचओडी डॉ.राजेश हर्षवर्धन ने कहा कि दस साल का आंकड़ा देखें तो पूरे देश में सड़क दूर्घटना में करीब 13 लाख लोगों की मौत हो गयी है,उत्तर प्रदेश में इस वर्ष 23 हजार लोगों ने सड़क दुर्घटना के दौरान मौत हो गयी। उन्होंने कहा कि यदि 100 मौतें सड़क दुर्घटना में होती है,तो 13 मौतें अस्पताल पहुंचने पर होती हैं,ऐसे में यदि घायल को समय पर अस्पताल पहुंचा दिया जाये,तो कई लोगों को बचाया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि एक समय था जब सड़क पर घायल पड़े व्यक्ति को लोग तड़पता देख छोड़ चले जाते थे, इसके पीछे की वजह पुलिस द्वारा गैरजरूरी पूछताछ को माना जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है, लोग घायलों को अस्पताल पहुंचाने लगे हैं और उनसे कोई गैर जरूरी पूछताछ भी नहीं होती है। लेकिन इसके प्रति अभी और काम करना बाकी है।
इस कार्यक्रम का आयोजन एसजीपीजीआई के न्यूरो सर्जरी विभाग के विभागाध्क्ष प्रो. राज कुमार ने कराया था।
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