बिजनौर: तीन साल में स्वास्थ्य विभाग की गाड़ी पी गई नौ लाख रुपए का पेट्रोल, जानें पूरा मामला

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बिजनौर, अमृत विचार। जिले के स्वास्थ्य विभाग में पेट्रोल की हेराफेरी का मामला सामने आया है। तीन साल में गाड़ी नौ लाख रुपये का पेट्रोल पी गई। इस हेराफेरी का आरटीआई में मांगे गए जवाब में खुलासा हुआ है। हालांकि जिम्मेदार जवाब देने से कतरा रहे हैं। अगर गहराई से जांच की जाए तो कई …

बिजनौर, अमृत विचार। जिले के स्वास्थ्य विभाग में पेट्रोल की हेराफेरी का मामला सामने आया है। तीन साल में गाड़ी नौ लाख रुपये का पेट्रोल पी गई। इस हेराफेरी का आरटीआई में मांगे गए जवाब में खुलासा हुआ है। हालांकि जिम्मेदार जवाब देने से कतरा रहे हैं। अगर गहराई से जांच की जाए तो कई लोगों की गर्दन फंस सकती है।

स्वास्थ्य विभाग की सरकारी गाड़ी से पूर्व के तीन सीएमओ ने बिजनौर से मुरादाबाद-मेरठ और लखनऊ के निजी दौरे सीएचसी-पीएचपी के दर्शा दिए। इसके अलावा एक गाड़ी के पेट्रोल का खर्च हर महीने 25 हजार रुपये दर्ज कराया। पूर्व सीएमओ ने यह खेल तीन साल तक किया। इस समयावधि में नौ लाख रुपये का पेट्रोल गाड़ी के खर्च में दर्शा दिया। स्वास्थ्य, परिवार एवं कर्मचारी कल्याण के तत्कालीन जिला अध्यक्ष टीकम सिंह सेंगर की आरटीआई के जबाव में विभाग ने 14 नवंबर 2017 को जानकारी दी थी।

बताया गया था कि सीएमओ कार्यालय में सीएमओ के नाम पर दो गाड़ियां दर्ज हैं। इनमें पुरानी गाड़ी एंबेसडर संख्या यूपी 32 बीजी 1041 है, जो, पिछले तीन साल से विभाग को नई बोलेरो मिलने के बाद खड़ी बताई जा रही है। लेकिन सीएमओ कार्यालय के प्रतिरक्षण विभाग में लगाई गई आरटीआई के बाद जानकारी में बताया गया है कि 2015 से 2017 में पल्स पोलियो अभियान में लगी सरकारी गैराज में खड़ी कार को भी तेल दिया गया है।

जिस पर संगठन के जिला महामंत्री टीकम सिंह की ओर से आरटीआई की जानकारी का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री को भेजे शिकायत-पत्र में कहा गया है कि लखनऊ निवासी पूर्व सीएमओ डॉ. अभिमन्यु अगस्त 2009 से अप्रैल 2011 तक यहां कार्यरत रहे, जो बिना अनुमति सरकारी वाहनों को लखनऊ ले जाते और इस यात्रा में लगने वाले पेट्रोल का समायोजन जनपद के सीएचसी व पीएचसी की दौरे में दर्शाते थे।

पूर्व सीएमओ डॉ. एसके अग्निहोत्री भी वर्ष 2012 से अप्रैल 2015 तक यहां कार्यरत रहे थे, उनकी पत्नी मुरादाबाद में सरकारी डॉक्टर थीं, जो बिजनौर से सरकारी वाहन से मुरादाबाद आती-जाती थीं। इस दौरान भी वाहन के ईंधन का समायोजन सीएचसी और पीएचसी दौरे दिखाकर किया गया था। इसी प्रकार मूलतः मेरठ निवासी पूर्व सीएमओ डॉ. सुखवीर सिंह जुलाई 2016 से जून 2017 तक जनपद बिजनौर में कार्यरत रहे। वह रोजाना मेरठ से आना-जाना करते थे। इस प्रकार सरकारी तेल की चोरी कर सरकारी खजाने का गबन किया गया, लेकिन मिलीभगत के चलते कार्रवाई नहीं हुई।

कार्यालय को मिली बोलेरो खराब है। इस वजह से कंडम गाड़ी से सफर कर रहे हैं, लेकिन जब सीएमओ पूछा गया कि इस गाड़ी का फिटनेस व बीमा नहीं है और टैक्स भी जमा नहीं हैं। खटारा गाड़ी से सफर कर वह अपनी और अपने कर्मचारी की जान को आफत में डाल रहे हैं । तो इस संबंध में उन्होंने चुप्पी साध ली। – डॉ. विजय कुमार गोयल, सीएमओ

सीएमओ खटारा कार से कर रहे सफर, फिटनेस एक्सपायर्ड, बीमा व प्रदूषण तक नहीं
बिजनौर। जनपद वासियों की सेहत की जिम्मेदारी निभाने वाले बिजनौर के सीएमओ कुछ वर्ष पूर्व मिली नई बोलेरो से सफर करने के बजाय कंडम व कागजों में एक्सपायर गाड़ी से सफर कर रहे हैं। इससे सरकारी बैठकों में हिस्सा लेकर अपनी व कर्मचारियों की जान को खतरे में डाल रहे हैं। इस गाड़ी का फिटनेस एक्सपायर्ड है। इंश्योरेंस व प्रदूषण भी नहीं है। आरटीओ लखनऊ के यहां से रजिस्ट्रेशन 27 जून 2006 को होने की वजह से पेट्रोल से चलने‌ वाले इस वाहन का आगे का टैक्स भी जमा नहीं हो सकता है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विजय कुमार गोयल पिछले कुछ समय से विभाग की खटारा गाड़ी से सफर सरकारी चालक सहित चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी की जान को आफत में डाल रहे हैं। बुधवार को जनपद मुख्यालय के विकास भवन में आयोजित बैठक में सीएमओ खटारा गाड़ी से पहुंचे। बैठक के बाद अपने कार्यालय वापस चले गए। बिजनौर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के जनपद के सरकारी दौरों के लिए पूर्व में नई बोलेरो आई थी, लेकिन सीएमओ डॉ. विजय कुमार गोयल द्वारा इस गाड़ी से सफर नहीं किया जा रहा है।

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