मिशन अस्पताल: 26 करोड़ की स्टांप शुल्क चोरी का मामला हाईकोर्ट पहुंचा, जल्द होगी सुनवाई

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बरेली, अमृत विचार। क्लैरा स्वैन मिशन अस्पताल के प्रबंधन के विरुद्ध करीब 26 करोड़ रुपये स्टांप शुल्क चोरी का मामला फिर चर्चा में आ गया है। मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। रजिस्ट्री विभाग की ओर से राजस्व परिषद न्यायालय के फैसले के विरुद्ध इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील याचिका दायर की गई है। जिसे स्वीकार …

बरेली, अमृत विचार। क्लैरा स्वैन मिशन अस्पताल के प्रबंधन के विरुद्ध करीब 26 करोड़ रुपये स्टांप शुल्क चोरी का मामला फिर चर्चा में आ गया है। मामला अब हाईकोर्ट पहुंच गया है। रजिस्ट्री विभाग की ओर से राजस्व परिषद न्यायालय के फैसले के विरुद्ध इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील याचिका दायर की गई है। जिसे स्वीकार कर लिया गया है। जल्द इसमें सुनवाई होने वाली है। रजिस्ट्री विभाग ने केस में मजबूत पैरवी करने के लिए कागजी कार्रवाई शुरू कर दी है।

कुछ साल पहले मेयर डा. उमेश गौतम ने मिशन अस्पताल को बेहतर ढंग से संचालित कराने के लिए 30 साल के लिए किराए पर लिया था। इसका रजिस्ट्री विभाग में पंजीकरण कराया। 10 करोड़ रुपये के सौदे पर 7 लाख रुपये स्टांप शुल्क भी दिया था। रजिस्ट्री विभाग के सूत्रों के अनुसार प्रकरण में रजिस्ट्री विभाग ने बैनामे की जांच कराई। बैनामे में दर्ज बिंदुओं का अवलोकन किया गया। तब मालूम हुआ कि जो कागजात तैयार किए गए, उनमें स्पष्ट रूप से कुछ नहीं लिखा गया।

30 साल से अधिक समय के लिए किराये पर लेने की बात लिखी मगर लीज पर लेने का कोई जिक्र नहीं था। मरम्मत कराकर संचालन की बातें लिखीं थीं। कागजातों में कई अन्य तकनीकी खामियां मिलने पर रजिस्ट्री विभाग ने रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी। तब इसमें विस्तृत जांच कराई गई। बैनामे में दर्ज बिंदुओं और अस्पताल के एरिया का मौजूदा सर्किल रेट के अनुसार मूल्यांकन कराया गया। जिसमें करीब 26 करोड़ रुपये कम स्टांप शुल्क का मामला निकलकर सामने आया।

इस मामले में राजस्व परिषद ने मिशन अस्पताल प्रबंधन के विरुद्ध वाद दर्ज किया। जिसकी सुनवाई लंबे समय तक राजस्व परिषद न्यायालय में चली। कुछ माह पहले केस का फैसला मिशन अस्पताल प्रबंधक के पक्ष में आ गया लेकिन रजिस्ट्री विभाग ने अपनी पैरवी नहीं छोड़ी। शासन के निर्देश पर उप निबंधक प्रथम ने पैरवी शुरू करने के साथ राजस्व परिषद न्यायालय के फैसले के विरुद्ध हाईकोर्ट में अपील याचिका दायर की।

जिसे हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है। उप निबंधक प्रथम आरपी वर्मा के अनुसार मिशन अस्पताल प्रबंधन के हक में आए निर्णय के विरुद्ध हाईकोर्ट में उनकी याचिका स्वीकार हो गई है। इसकी मजबूत पैरवी की जा रही है। वहीं, मेयर डा उमेश गौतम ने बताया कि मिशनरीज का मामला है, मुझे जानकारी नहीं है। मैं इसे दिखवाऊंगा।

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