हल्द्वानी: 135वीं जयंती पर उत्तराखंड के आंबेडकर मुंशीजी को किया याद, अंग्रेजों ने दी थी इन्हें रायबहादुर की उपाधि

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हल्द्वानी, अमृत विचार। दलित शोषित समाज के नायक राय बहादुर मुंशी हरि प्रसाद टम्टा ने ना केवल दलित समाज को शिल्पकार नाम दिया बल्कि सेना में शिल्पकारों को प्रतिनिधित्व दिलाने वाले पहले समाज सुधारक थे। उन्होंने जीवन भर समाज में पनप रहे भेदभाव को खत्म करने के लिए संघर्ष किया। आज मुंशी हरि प्रसाद टम्टा …

हल्द्वानी, अमृत विचार। दलित शोषित समाज के नायक राय बहादुर मुंशी हरि प्रसाद टम्टा ने ना केवल दलित समाज को शिल्पकार नाम दिया बल्कि सेना में शिल्पकारों को प्रतिनिधित्व दिलाने वाले पहले समाज सुधारक थे। उन्होंने जीवन भर समाज में पनप रहे भेदभाव को खत्म करने के लिए संघर्ष किया। आज मुंशी हरि प्रसाद टम्टा की 135वीं जयंती पर हल्द्वानी में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। लोगों ने उनकी प्रतिमा पर फूलमाला चढ़ाकर उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।

मुंशी हरिप्रसाद टम्टा। (फाइल फोटो)

वक्ताओं ने कहा कि युवावस्था से ही मुंशी हरि प्रसाद टम्टा सामाजिक सुधार के कार्य में जुट गए थे। उन्होंने समाज के अंदर पीढ़ियों से पनप रहे जातिवाद, भेदभाव को खत्म करने का संकल्प लिया। दलित वर्ग गरीबी, अंधविश्वास, अशिक्षा से ग्रसित था। जिस कारण उच्च वर्ग उसका शोषण किया करता था। दलितों को समाज में सम्मानजनक स्थिति दिलाने व उनके उत्थान के लिए अथक काम के लिए इन्हें उत्तराखंड का आंबेडकर भी कहा जाता है। ब्रिटिश काल में दलितों को सेना में प्रतिनिधित्व दिलाने का श्रेय भी मुंशी हरिप्रसाद टम्टा को जाता है।

मुंशी हरिप्रसाद टम्टा की मूर्ति पर माल्यार्पण करते विभिन्न संगठनों के लोग।

बताते चलें कि 1927 में मुंशी हरि प्रसाद टम्टा के अथक प्रयासों से शिल्पकार नाम को सरकारी मान्यता मिली। 1924 में मुंशी हरि प्रसाद टम्टा ने उत्तराखंड में शिल्पकारों का वृहद सम्मेलन आयोजित किया। जिसके बाद कुमाऊं शिल्पकार सभा का जन्म हुआ। उन्हीं के प्रयासों से 1930-40 के मध्य में कुमाऊं-गढ़वाल में भूमिहीन शिल्पकारों को ब्रिटिश सरकार ने 30 हजार एकड़ कृषि भूमि वितरित की। उन्होंने शिक्षा की अलख जगाने के लिए शिल्पकार सभा के माध्यम से 150 प्राथमिक और प्रौढ़ पाठशालाओं की स्थापना की। इनके सेवाभाव को देखते हुए अंग्रेजों ने इन्हें 1935 में इन्हें रायबहादुर की उपाधि दी थी।

इस मौके पर मेयर डॉ. जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला, डॉ. आंबेडकर मिशन एवं फाउंडेनशन के अध्यक्ष जीआर टम्टा, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुमित्रा प्रसाद, बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष गोविंद बिष्ट, भाजपा अनुसूचित मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष समीर आर्य, बीएल आर्य, पंडित हरिप्रसाद जी समिति के संरक्षक हरीश चंद्रा, पंकज आर्य, नवीन आर्य, यशपाल आर्य, एडवोकेट गंगा प्रसाद आदि रहे। कार्यक्रम का संचालन सूरज प्रकाश और गंगा प्रसाद ने किया।

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