अयोध्या: अनंत चतुर्दशी से रायपुर का प्रख्यात मेला शुरू, लकड़ी से बने सामान हैं प्रमुख आकर्षण

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अयोध्या, अमृत विचार। लकड़ी से बने एक से एक सामानों की बिक्री के लिए प्रख्यात रायपुर का मेला अनंत चतुर्दशी से प्रारम्भ हो गया है। इस मेले में प्रदेश के विभिन्न जिलों से लकड़ी के कारोबारी आते हैं। इसके अलावा मेले में खानपान की दुकानों के साथ झूले आदि भी लगते हैं। इस बार भी …

अयोध्या, अमृत विचार। लकड़ी से बने एक से एक सामानों की बिक्री के लिए प्रख्यात रायपुर का मेला अनंत चतुर्दशी से प्रारम्भ हो गया है। इस मेले में प्रदेश के विभिन्न जिलों से लकड़ी के कारोबारी आते हैं। इसके अलावा मेले में खानपान की दुकानों के साथ झूले आदि भी लगते हैं। इस बार भी मेले में लकड़ी के सामानों के साथ अन्य दुकानें लगनी शुरू हो गईं हैं।

वैसे तो यह मेला क्षेत्र सोहावल तहसील में पड़ता है लेकिन शहर के लोगों का आकर्षण यहां अधिक रहता है। अब यह मशहूर मेला अगले एक माह तक क्षेत्र की रौनक बढ़ायेगा। मेले में लकड़ी से बने सामानों का बड़ा कारोबार होता है। यही वजह है कि प्रदेश के लकड़ी के बड़े बड़े कारोबारियों का हुजूम इस मेले में देखने को मिलता है। यहां कुशल कारीगरों को लकड़ी के विभिन्न सामानों को बनाने और उसमें नक्काशी करने का मौका बखूबी मिलता है।

इसके शहर से सटा होने के कारण ज्यादातर शहर के लोग मेले से घरेलू फर्नीचर खरीदते हैं। वहीं दूर दराज के लोग भी सस्ता लकड़ी का सामानों की खरीदारी करने यहां आते हैं। बाराबंकी, प्रतापगढ़, रायबरेली, हरदोई, अम्बेडकरनगर, लखनऊ आदि दर्जनों जिलों से बड़ी बड़ी दुकानें 15-20 वर्ष से रायपुर मेले में आती हैं।

इसके साथ ही अयोध्या तथा आसपास के अन्य जिलों की काफी दुकानें रायपुर मेले में लगती हैं। इस मेले में रोजमर्रा प्रयोग होने वाले सामानों के साथ खाने पीने की उत्तम व्यवस्था रहती है। मेले में मनोरंजन के साधन, कृषि यंत्र के साथ मिठाई, कपड़े आदि दुकानों की कतार देखने लायक होती है। रायपुर मेले की व्यवस्था मेला प्रबंधक बुढऊ सिंह द्वारा कराई जाती है।

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