बरेली: 104वें उर्स-ए-रजवी के उपलक्ष्य में AIMJ का गठन, मौलाना शहाबुद्दीन बने अध्यक्ष
बरेली, अमृत विचार। 21 सितंबर को 104वें उर्से -ए-रज़वी का आगाज होने जा रहा है। इससे पहले सुन्नी-सूफ़ी बरेलवी मुसलमानों को एक अख़िल भारतीय स्तर की मुस्लिम जमात की सौगात मिली है। नबीरे आला हज़रत मौलाना मन्नान रज़ा ख़ान-मन्नानी मियां के आवास स्थित नूरी मरकज़ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में इसके गठन का ऐलान किया …
बरेली, अमृत विचार। 21 सितंबर को 104वें उर्से -ए-रज़वी का आगाज होने जा रहा है। इससे पहले सुन्नी-सूफ़ी बरेलवी मुसलमानों को एक अख़िल भारतीय स्तर की मुस्लिम जमात की सौगात मिली है। नबीरे आला हज़रत मौलाना मन्नान रज़ा ख़ान-मन्नानी मियां के आवास स्थित नूरी मरकज़ में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में इसके गठन का ऐलान किया गया है। ये संगठन मुसलमान समाज के बीच धार्मिक, सामाजिक, शैक्षिक और सियासी जागरुकता आदि क्षेत्रों में काम करेगा।
104वें उर्से -ए-रज़वी के उपलक्ष्य में सून्नी-सूफ़ी बरेलवी विचार के प्रचारक और मुस्लिम स्कॉलर मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी को ऑल इंडिया मुस्लिम जमात (AIMJ) का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। मौलाना ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आज मुसलमानों के हालात सामने हैं। उनके अधिकारों को लेकर आवाज़ उठाने की ज़रूरत है। सुरक्षा, सम्मान, संवैधानिक अधिकार सुनिश्चित कराने के मक़सद से इसका गठन किया गया है। देशव्यापी मुहिम चलाकर बुद्धिजीवी, उलमा, क़ानूनविदों को जोड़ने की कोशिश करेंगे।
आगे मौलाना मन्नानी मियां ने कहा कि एक ज़िम्मेदारी शहरी के तौर पर लोगों के दिलों को जोड़ना, हमारी ज़िम्मेवारी है। दिल तोड़ने का वक़्त ख़त्म हो रहा है और दिल जोड़ने की मुहिम चलेगी। मौलाना शहाबुद्दीन आला हज़रत के मिशन के प्रचारक हैं। समाज के बीच सक्रिय रहकर एक सामाजिक कार्यकर्ता की भी ज़िम्मेवारी निभा रहे हैं, इसलिए उन्हें इस जमात के अध्यक्ष का ज़िम्मा सौंपा गया है।
मौलाना शहाबुद्दीन रज़वी ने कहा कि इसको लेकर पहले से ही तमाम बुद्धिजीवियों के साथ मीटिंग्स की जा चुकी हैं हमारी कोशिश है कि समाज और इंसानियत के लिए काम करने के ख़्वाहिशमंद लोगों को जमात से जोड़ेंगे। आला हज़रत ने हमेशा मुहब्बत का पैग़ाम आम किया है। इस दौरान कई उलमा, सामाजिक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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