बागेश्वर: पांच साल से परवान नहीं चढ़ पाई 13 जिले, 13 डेस्टिनेशन योजना
बागेश्वर, अमृत विचार। त्रिवेंद्र सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रारंभ की गई 13 जिले, 13 डेस्टिनेशन योजना अब तक मूर्तरूप नहीं ले सकी है। योजना के न बनने से ग्रामीणों को सशंका है कि कहीं यह योजना मात्र कागजों तक ही सीमित न रह जाय। हालांकि इस योजना में पर्यटन विभाग अब …
बागेश्वर, अमृत विचार। त्रिवेंद्र सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रारंभ की गई 13 जिले, 13 डेस्टिनेशन योजना अब तक मूर्तरूप नहीं ले सकी है। योजना के न बनने से ग्रामीणों को सशंका है कि कहीं यह योजना मात्र कागजों तक ही सीमित न रह जाय। हालांकि इस योजना में पर्यटन विभाग अब तक लाखों रूपये खर्च कर चुका है। इधर पर्यटन सचिव ने कुमंविनि को नए सिरे से योजना बनाने के निर्देश दिए हैं।
प्रदेश में त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार बनने के बाद प्रत्येक जिले में पर्यटन को विकसित करने के लिए 13 डिस्टिक, 13 डेस्टिनेशन योजना संचालित की। इसके तहत बागेश्वर जनपद में जौलकांडे व रेतोली गांव का चयन किया गया। इसके लिए प्रारंभ में तत्कालीन जिलाधिकारी रंजना राजगुरू ने इसका जिम्मा लघु सिंचाई को दिया गया जिसके लिए लघु सिंचाई ने आंगणन बनाकर आर्किटेक्ट से योजना बनाई।
बाद में तत्कालीन जिलाधिकारी विनीत कुमार ने इस योजना के कार्यस्थल का दौराकरके प्रशासन की ओर से सहमति प्रदान की। बाद में इसका प्रस्ताव कुमंविनि को तैयार करने के निर्देश दिए गए। जिसके बाद निगम ने आर्कीटेक्ट के माध्यम से इसकी योजना बनाई व आंगणन बनाकर प्रस्ताव शासन को भेजा। दो बार विभागों ने आर्कीटेक्ट व आंगणन बनाने व कई दौरे करने पर लाखों रूपये खर्च किए परंतु अब यह प्रस्ताव शासन में लटक गया है।
कुमाउं मंडल विकास निगम द्वारा योजना का शुभारंभ न करने पर निगम की भूमि बेकार हो रही है तथा शिकायत है कि कुछ लोग निगम की भूमि पर अतिक्रमण की फिराक में हैं। इधर योजना को छह साल तक प्रारंभिक चरण में ही होने पर ग्रामीणों को भय है कि कहीं यह योजना मात्र कागजों तक ही न रह जाय तथा इस पर लाखों खर्चने के बाद यह योजना जनपद में ठंडे बस्ते में न चले जाए। इधर पुनः इसके नए सिरे से प्रस्ताव बनाने के पर्यटन सचिव के आदेश के बाद ग्रामीणों की शंका अधिक बढ़ गई है।
यह था प्रस्तावित
केएमवीएन व लघु सिंचाई ने आर्कीटेक्ट द्वारा जो प्रस्ताव तैयार किया था उसमें गांव में माउंटेन बाइकिंग सेंटर बनाना था। ताकि माउंटेन बाइकर्स यहां आकर विश्राम कर सकें तथा साहसिक योजना को बढ़ावा मिले।
योजना मूर्तरूप न लेने पर कमिश्नर ने जताया आश्चर्य
बागेश्वर। वर्तमान में कुमाउं कमिश्नर दीपक रावत ने अपने जिलाधिकारी के कार्यकाल में जौलकांडे को पर्यटन विकास के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया व कार्रवाई की। गत दिनों बागेश्वर भ्रमण के दौरान उन्होंने जौलकांडे गांव में अब तक आवास गृह न बनने पर आश्चर्य जताया था तथा जिलाधिकारी को गांव की सुंदरता बताते हुए इस पर कार्य करने को कहा था।
गांव के योजना में चयन पर ग्रामीणों में विकास की उम्मीद जगी थी। परंतु पांच साल बीतने के बाद भी कोई विशेष कार्रवाई न होने से जनता निराश है। इस संबंध में क्षेत्रीय विधायक व मंत्री चंदन दास व मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से निरंतर अनुरोध किया जा रहा है। उम्मीद है कि विधायक चंदन दास के प्रयास से यह योजना शीघ्र परवान चढ़ेगी।
– नैना लोहुमी, उप प्रधान जौलकांडे
पूर्व में इन स्थानों को पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए माउंटेन बाइकिंग योजना बनाने का प्रस्ताव तैयार किया। जिसमें आवास गृह, रेस्टोरेंट का निर्माण होना था। पर्यटन सचिव ने इसे अब नए सिरे से योजना बनाकर प्रस्ताव देने को कहा है। पर्यटन विभाग इसके लिए कार्य कर रहा है।
– कीर्ति चंद्र आर्या, जिला पर्यटन अधिकारी बागेश्वर।
