भारत की सबसे ऊंची चोटी ‘कंचनजंगा’ पर पहुंचने वाले पहले भारतीय कर्नल प्रेमचंद का निधन

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कुल्लू। पर्वतारोहण की दुनिया में ‘स्नो टाइगर’ के नाम से जाने जाने वाले कर्नल प्रेमचंद डोगरा का निधन हो गया है। वर्ष 1977 में सबसे मुश्किल मार्ग ‘द नॉर्थ ईस्ट स्पर’ भारत की सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा के शिखर पर पहुंचने वाले वह दुनिया के पहले भारतीय थे। ‘हीरो ऑफ कंचनजंगा ’ कर्नल प्रेमचंद के …

कुल्लू। पर्वतारोहण की दुनिया में ‘स्नो टाइगर’ के नाम से जाने जाने वाले कर्नल प्रेमचंद डोगरा का निधन हो गया है। वर्ष 1977 में सबसे मुश्किल मार्ग ‘द नॉर्थ ईस्ट स्पर’ भारत की सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा के शिखर पर पहुंचने वाले वह दुनिया के पहले भारतीय थे।

‘हीरो ऑफ कंचनजंगा ’ कर्नल प्रेमचंद के निधन से पर्वतारोहण के एक युग का अंत हो गया है। कर्नल प्रेमचंद डोगरा ने बीती रात हिमाचल प्रदेश के कुल्लू में अपनी आखिरी सांस ली। ऐसा बताया जा रहा है कि वह पिछले कुछ समय से बीमार थे। लाहौल के लिंडर गांव के रहने वाले प्रेमचंद जनजाति संस्कृति व परंपराओं के अग्रणी पक्षधर रहे।

लाहौल की वादियों में रहकर ही उन्होंने पहाड़ों पर चढ़ना शुरू किया, जिसमें आगे जाकर उन्हें इसमें एक अलग पहचान दी। उनके पहाड़ों के नापने के जज्बे व जूनून को देखते हुए उन्हें सेन में स्नो टाइगर के नाम से अलंकृत किया। गौरतलब है कि कर्नल प्रेमचंद डोगरा उन पर्वतारोही में से एक थे, जिन्होंने अपना पूरा जीवन पर्वतारोहण में समर्पित कर दिया था। कर्नल प्रेमचंद ने अपने पूरे जीवन में लगभग 30 चोटियों को सफलतापूर्वक फतह किया।

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