बागेश्वर: इनको न एनजीटी का भय और न निर्मल गंगा से मतलब…!

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बागेश्वर, अमृत विचार। दफौट क्षेत्र में खान व्यवसाय करने वाले खान व्यवसायियों को न तो एनजीटी व जिला प्रशासन का कोई भय है और न ही उन्हें सरकार के निर्मल गंगा अभियान से कोई मतलब है। हाल यह है कि कई बार शिकायत के बाद भी प्रशासन के अधिकारी इनके खिलाफ कार्रवाई करने से बचते …

बागेश्वर, अमृत विचार। दफौट क्षेत्र में खान व्यवसाय करने वाले खान व्यवसायियों को न तो एनजीटी व जिला प्रशासन का कोई भय है और न ही उन्हें सरकार के निर्मल गंगा अभियान से कोई मतलब है। हाल यह है कि कई बार शिकायत के बाद भी प्रशासन के अधिकारी इनके खिलाफ कार्रवाई करने से बचते रहते हैं।

दफौट क्षेत्र के ढूंगापाटली में खान मालिक द्वारा पूर्व में कई काश्तकारों की भूमि पर मलबा डाल दिया तथा कौशल्या नदी में मलबा डालते रहा। इसके अलावा कई ग्रामीणों के खेतों में भी मलबा डाल दिया। जिसकी शिकायत कई बार ग्रामीणों ने प्रशासन से की परंतु प्रशासन के किसी अधिकारी के कान में जूं तक नहीं रेंगी यहां तक कि ग्राम प्रधान ने इसकी वीडियो व लिखित शिकायत भी प्रशासन को सौंपी थी। इधर गत दिनों से कौशल्या नदी में खान मालिकों द्वारा मलबा डाला गया है जिससे नदी का पानी प्रदूषित हो रहा है।

माल्ता के ग्राम प्रधान व ग्राम प्रधान संगठन के नेता गणेश रावत ने बताया कि खान मालिकों द्वारा लंबे समय से नियम विरूदध कार्य किया जा रहा है। खुलेआम मलबा नदी में डाला जा रहा है। कहा कि इस संबंध में कई बार पूर्व में जिलाधिकारी समेत खान अधिकारी व तहसील में शिकायत दर्ज की परंतु अब तक किसी ने इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। कहा कि मंगलवार को खान मालिक ने खान की मिटटी आदि मलबा कौशल्या नदी में डाला जिससे नदी प्रदूषित हो गई है।

ग्राम प्रधान ने स्कूल के समीप रोपवे लगाने की भी जांच की मांग की है। उन्होंने सोशल मीडिया में इसके वीडियो व फोटो प्रसारित करके अधिकारियों से कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि कौशल्या नदी कुछदूर आगे जाकर सरयू नदी में मिलती है जिससे सरयू नदी भी प्रदूषित हो रही है। उन्होंने जिलाधिकारी से नियम विरूदध कार्य करने वाले खान मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

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