अयोध्या: क्षय रोगी को गोद लेना था पर अफसरों को होश नहीं

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अयोध्या, अमृत विचार। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की जिले में जिम्मेदार ही हवा निकालने पर तुले हैं। मुख्य सचिव के मार्च 2022 के निर्देश के बाद भी स्वास्थ्य विभाग को छोड़ किसी भी जिला स्तरीय अधिकारी ने अब तक एक भी क्षय रोगी को गोद नहीं लिया है। नतीजा अब तक जिले में चिह्नित …

अयोध्या, अमृत विचार। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान की जिले में जिम्मेदार ही हवा निकालने पर तुले हैं। मुख्य सचिव के मार्च 2022 के निर्देश के बाद भी स्वास्थ्य विभाग को छोड़ किसी भी जिला स्तरीय अधिकारी ने अब तक एक भी क्षय रोगी को गोद नहीं लिया है। नतीजा अब तक जिले में चिह्नित 2900 क्षय रोगियों में से केवल 200 रोगी ही गोद लिए गए हैं। करीब 2700 रोगियों को गोद का इंतजार है। अभी केवल स्वास्थ्य विभाग और दो स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा ही रोगी गोद लिए गए हैं।

‘ अमृत विचार ‘ द्वारा शुक्रवार को की गई पड़ताल में 2025 तक देश को टीबी मुक्त करने के प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान पर सवाल खड़े हो गए हैं। टीबी क्लीनिक से मिले आंकड़ों की माने तो जिले के सभी 11 ब्लाकों और नगरीय क्षेत्र को मिला कर अब तक कुल 2900 क्षय रोगियों को चिह्नित किया गया है। मुख्य सचिव द्वारा निर्देश दिया गया था कि जनपद के ऐसे क्षेत्र जहां बीते पांच वर्षों में क्षय रोगी चिह्नित किए गए हैं उनमें एक्टिव केस फाइडिंग अभियान चला कर मिस्ड क्षय रोगियों को चिह्नित किया जाए। इन चिह्नित रोगियों को विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारियों के अलावा स्वयं सेवी संस्थाओं द्वारा गोद लिया जाना था।

2019 से शुरू हुए अभियान के तहत अब तक 2900 क्षय रोगी चिह्नित किए गए हैं। जिनमें से अब तक केवल 200 रोगी ही गोद लिए जा सके है जिन्हें सीएचसी – पीएचसी अधीक्षकों और टीबी क्लीनिक अफसरों के अलावा पानी संस्थान और केएम शुगर मिल ने ही गोद लिया है। जिनमें सदर से 52, कुल 11 ब्लाकों से मिल्कीपुर और मसौधा से दस – दस और बीकापुर, हैरिग्टनगंज, खंडासा, मवई, मया, पूराबाजार, रुदौली, सोहावल से पांच – पांच रोगी गोद लिए गए हैं। तारुन से मात्र 3 रोगी गोद लिए गए हैं। वहीं श्रीराम चिकित्सालय अयोध्या द्वारा 20 व पानी संस्थान ने 10 और केएम शुगर मिल ने 15 को गोद ले रखा है। इसके अलावा जिला क्षय रोग अधिकारी, अभियान समन्वयक और अन्य ने कुल 50 क्षय रोगियों को गोद ले रखा है। इनमें एक भी जिला स्तरीय अधिकारी नहीं शामिल है।

टीबी मुक्त अभियान का यह है उद्देश्य
अभियान के तहत 18 से कम आयु के बाल क्षय रोगी, वयस्क महिला और वयस्क पुरुष क्षय रोगियों को चिह्नित कर उनके लिए पोषण और निगरानी की व्यवस्था है। गोद लिए गए 200 में 20 बाल और 180 व्यस्क पुरुष व महिला क्षय रोगी शामिल हैं। पोषाहार किट में गोद लिए गए रोगियों को एक – एक किलो मूंगफली, चना, गुड़, सत्तू, तिल गजक और अन्य न्यूट्रीशन सप्लीमेंट जैसे काम्प्लान आदि दिया जाता है।

बोले जिम्मेदार
जिला स्तरीय अधिकारियों द्वारा क्षय रोगियों को गोद लिए जाने के संबंध में शीघ्र ही डीएम की अध्यक्षता में बैठक होगी। अभी तक केवल विभाग और संस्थाओं द्वारा ही रोगी गोद लिए गए हैं।
डा. आरके सक्सेना, एसीएमओ / ज़िला क्षय रोग अधिकारी अयोध्या

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