पीएम मोदी ने सुनक से की बात, दोनों नेताओं ने FTA के शीघ्र समापन पर जताई सहमति

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को ब्रिटेन के अपने समकक्ष ऋषि सुनक से बातकर उन्हें कार्यभार संभालने पर बधाई दी और कहा कि दोनों नेता एक व्यापक और संतुलित मुक्त व्यापार समझौते के शीघ्र समापन के महत्व पर सहमत हुए। मोदी ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी। यह भी पढ़ें- Gujarat Election: …

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार को ब्रिटेन के अपने समकक्ष ऋषि सुनक से बातकर उन्हें कार्यभार संभालने पर बधाई दी और कहा कि दोनों नेता एक व्यापक और संतुलित मुक्त व्यापार समझौते के शीघ्र समापन के महत्व पर सहमत हुए। मोदी ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी।

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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री का कार्यभार संभालने के बाद मोदी और सुनक में पहली बातचीत हुई है। सुनक ने भी ट्वीट कर बधाई देने के लिए प्रधानमंत्री का शुक्रिया अदा किया। मोदी ने कहा, ‘‘आज ऋषि सुनक से बात कर बहुत खुशी हुई। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने पर मैंने उन्हें बधाई दी।

हम अपनी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेंगे।’’ मोदी ने कहा कि एक व्यापक और संतुलित मुक्त व्यापार समझौते के शीघ्र समापन के महत्व पर भी वह और सुनक सहमत हुए। सुनक ने मोदी के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘ब्रिटेन और भारत बहुत कुछ साझा करते हैं। हम जब अपने सुरक्षा, रक्षा एवं आर्थिक साझेदारी को गहरा करने में लगे हैं, ऐसे में आने वाले वर्षों और महीनों में हमारे दो महान लोकतांत्रिक देश क्या कुछ हासिल कर सकते हैं, इसे लेकर मैं उत्साहित हूं।’’

ऋषि सुनक ने मंगलवार को भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री के रूप में कार्यभार संभाल लिया।उन्हें दिवाली के दिन कंजर्वेटिव पार्टी का निर्विरोध नया नेता चुना गया था। ब्रिटेन के पूर्व वित्त मंत्री सुनक (42) हिंदू हैं और वह पिछले 210 साल में ब्रिटेन के सबसे कम उम्र के प्रधानमंत्री हैं। भारत और ब्रिटेन ने इस साल जनवरी में एफटीए के लिए बातचीत शुरू की थी और दीपवाली तक बातचीत को पूरा करने का अनौपचारिक लक्ष्य रखा गया था।

हालांकि, कई मुद्दों पर आम सहमति की कमी के कारण समयसीमा चूक गई। सुनक हाल ही में भारत और ब्रिटेन के बीच हुए मुक्त व्यापार समझौते यानि फ्री ट्रेड एग्रीमेंट के समर्थक रहे हैं। इस समझौते का उद्देश्य निवेश को बढ़ावा देने के अलावा, वस्तुओं और सेवाओं में व्यापार को बढ़ावा देने के लिए मानदंडों को उदार बनाना और सीमा शुल्क को कम करना है।

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