अमेठी: नर्सिंग होम में प्रसव के बाद शिशु की मौत, परिजनों में आक्रोश, जांच में मिला था फर्जी
जायस/अमेठी। जिले के कोतवाली क्षेत्र जायस के मोहल्ला गाजा में नियम विरुद्ध संचालित नर्सिंग होम में प्रसव के बाद शिशु की मौत होने से परिजनों में भारी आक्रोश है। आरोप है कि पैसे की हवस में शिशु की जान चली गई। अप्रशिक्षित महिला द्वारा प्रसव कराए जाने के बाद शिशु की अमलाइसोकाट (नारा) काटने में …
जायस/अमेठी। जिले के कोतवाली क्षेत्र जायस के मोहल्ला गाजा में नियम विरुद्ध संचालित नर्सिंग होम में प्रसव के बाद शिशु की मौत होने से परिजनों में भारी आक्रोश है। आरोप है कि पैसे की हवस में शिशु की जान चली गई। अप्रशिक्षित महिला द्वारा प्रसव कराए जाने के बाद शिशु की अमलाइसोकाट (नारा) काटने में बरती गई लापरवाही की वजह से मौत हुई है। शिशु को गंभीर अवस्था में देख पैसे की हवस में घंटो उसे नर्सिंग होम से ले जाने नहीं दिया गया।
कोतवाली क्षेत्र जायस अंतर्गत कुष्ठ आश्रम की निवासिनी रुक्सार बानो पत्नी रहीस ने बताया कि प्रसव पीड़ा हुई तो कस्बे के मोहल्ला गाजा में संचालित देव नेशनल नर्सिंग होम में गई। वहां पर मौजूद नीतू पांडेय ने भर्ती कर प्रसव के नाम पर दस हजार रुपये मांगे। उनके द्वारा पैसे की मांग पर पांच हजार रुपये दिए गए थे। प्रसूता ने बाकी पैसे प्रसव के बाद देने का वायदा किया था। प्रसूता के मुताबिक प्रसव के बाद जच्चा बच्चा स्वस्थ था, लेकिन शिशु के नाभि से निकला अमलाइसोकाट (नारा) नीतू पांडेय द्वारा लोहे की कैंची से गलत तरीके से काटने पर काफी मात्रा में खून बह गया।
शिशु की हालत गंभीर देख उसे रायबरेली में इलाज कराने की सलाह दी गई। आरोप है की जब परिजन शिशु को रायबरेली ले जाने लगे तो डॉ. नीतू पांडेय ने बाकी पैसा देने के बाद ही शिशु को ले जाने की बात कही। जिससे घंटो बाद नर्सिंग होम से शिशु को निकालते ही उसकी मौत हो गई। घटना से परिजनों में भारी आक्रोश है। वहीं सूत्रों की माने तो नर्सिंग होम में डीएनसी, सीजर और प्रसव के नाम पर मोटी रकम वसूला जाता है।
सर्जिकल ब्लेट की जगह कैंची से काटा गया था अमलाइसोकाट
मेडिकल एक्सपर्ट की माने तो प्रसव के बाद जन्मे शिशु की नाभि से निकले अमलाइसोकाट (नाडा) को सर्जिकल ब्लेट से ही काटा जाता है। लोहे की कैंची से काटने पर जन्मे शिशु को खतरा रहता है।
आखिर किसके रहमोकरम पर चल रहा फर्जी नर्सिंग होम
जायस कस्बे में संचालित देव नेशनल नर्सिंग होम की शिकायत पर सीएचसी अधीक्षक डॉ. एचपी यादव की जांच में फर्जी संचालित पाया गया था। जांच में नर्सिंग होम में बेड, ओटी रूम सहित ओपीडी संचालित पाई गई थी। जांच के दौरान नर्सिंग होम के सामने लगे बोर्ड में छपे डॉक्टरों के नाम की पड़ताल की गई थी। जिसमें नर्सिंग होम संचालक प्रदीप कुमार और नीतू पांडेय के नाम के आगे डॉक्टर लिखा हुआ था, लेकिन दोनों के पास डॉक्टर की कोई डिग्री नहीं थी। जांच आख्या भेजकर कार्रवाई की मांग की गई थी। लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सीएचसी अधीक्षक फुरसतगंज डॉ. एचपी यादव की जांच में देव नेशनल नर्सिंग होम फर्जी संचालित पाया गया था। सीएचसी अधीक्षक की रिपोर्ट पर जिले से जांच करवाने के लिए टीम बनाई गई थी। जांच हुई या नहीं पता करके कार्रवाई की जाएगी …डॉ. विमलेंदु शेखर सीएमओ अमेठी।
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