अयोध्या : एनजीटी की टीम ने देखा त्रिलोदकी गंगा की बदहाली

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अमृत विचार,अयोध्या। रामायण कालीन पौराणिक त्रिलोदकी गंगा के अस्तित्व को बचाने की कवायद के तहत हुई शिकायत को लेकर एनजीटी के निर्देश पर बुधवार को 2 सदस्यीय टीम ने स्थलीय जायजा लिया। जायजा लेने के साथ ही टीम के सदस्यों ने शिकायत से संबंधित दस्तावेज भी हासिल किए हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण …

अमृत विचार,अयोध्या। रामायण कालीन पौराणिक त्रिलोदकी गंगा के अस्तित्व को बचाने की कवायद के तहत हुई शिकायत को लेकर एनजीटी के निर्देश पर बुधवार को 2 सदस्यीय टीम ने स्थलीय जायजा लिया। जायजा लेने के साथ ही टीम के सदस्यों ने शिकायत से संबंधित दस्तावेज भी हासिल किए हैं।

गौरतलब है कि राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण में गंजा गांव निवासी दुर्गा यादव ने ऑनलाइन याचिका दाखिल की थी। आरोप था कि नियोजित विकास के तहत त्रिलोकी गंगा के मार्ग पर अतिक्रमण कर विकास कार्य कराया जा रहा है जिससे नदी की धारा अवरुद्ध हो गई है और तिलोदकी गंगा का अस्तित्व गायब होने के कगार पर है। शिकायत को पंजीकृत करते हुए एनजीटी की ओर से पूरे मामले की जांच और सुनवाई के लिए चार सदस्यों की समिति गठित की गई थी।

बुधवार को एनजीटी के निर्देश पर एडीशनल डायरेक्टर एविएशन के नेतृत्व में 2 सदस्यीय टीम जनपद पहुंची। सूचना पर विकास प्राधिकरण के सचिव को लाइजनिंग के लिए लगाया गया। जांच टीम ने मौके पर पहुंच स्थलीय हालात का जायजा लिया। शिकायतकर्ता से मामले की जानकारी ली और कागजात हासिल करने के बाद चांदपुर गांव स्थित त्रिलोदकी गंगा के मार्ग स्थित सीआरपीएफ कैंप, गंजा स्थित 25 बीघे का कुंड, ग्राम सभा जनौरा व गंजा में लगभग एक किलोमीटर लंबा त्रिलोदकी गंगा का मार्ग देखा और पानी का सैंपल भी एकत्रित कराया।

मौके पर मौजूद शिकायतकर्ता ने बताया कि त्रिलोदकी गंगा के प्रवाह को रोक कर सीआरपीएफ की बहुमंजिला ईमारत बना दी गयी है। लंबे चौड़े कुंड के भूमि का स्वरूप परिवर्तित कर इस पर श्री राम एयरपोर्ट का निर्माण कराया जा रहा है, जबकि कुंड को लेकर जनहित याचिका विचाराधीन है। प्राधिकरण के सचिव सत्येंद्र सिंह ने बताया कि एनजीटी के निर्देश पर एडीशनल डायरेक्टर एविएशन के नेतृत्व में पहुंची टीम ने प्राथमिक जांच पड़ताल की है। टीम अपनी रिपोर्ट एनजीटी को सौंपेगी।

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