Lumpy Virus Outbreak : खुले में पड़े पशुओं के शव, दुर्गंध से लोग परेशान...प्रशासन अनजान
शव सड़क किनारे पड़े रहने से बीमारी फैलने का सता रहा डर, कुढ़ फतेहगढ़ क्षेत्र में लंपी वायरस की चपेट में आ रहे लावारिश पशु
चन्दौसी (संभल),कुढ़ फतेहगढ़/ अमृत विचार। कुढ़फतेहगढ़ क्षेत्र में लावारिश पशु लंपी वायरस की चपेट में आ रहे हैं। शिकायत के बाद भी प्रशासन समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा है। पशुओं का इलाज नहीं होने पर उनकी मृत्यु हो रही है। मरने हुए पशु क्षेत्र में जगह- जगह सड़कों व खेतों के आसपास काफी दिनों तक पड़े रहते हैं। पशुओं के न उठने के कारण दुर्गंध फैल रही है। जिससे वहां से गुजरना भी लोगों का दुभर हो रहा है।
मृत पशुओं से आ रही दुर्गंध से वातावरण दूषित होता हैं और गंभीर बीमारियां फैलने का अंदेशा का डर सता रहा है। वहीं लावारिश पशुओं से किसान बहुत त्रस्त हैं, रातभर अपने खेतों में फसलों की रखवाली करनी पड़ रही है। सर्दी के मौसम में पशुओं से फसल बचाने के लिए रात जंगल में गुजारनी पड़ रही हैं। ग्रामीणों का कहना है कि शिकायत के बाद भी स्थानीय प्रशासन इस समस्या को लेकर गंभीर नहीं है। अभी तक इस ओर किसी का ध्यान नहीं है। उनकी प्रशासन से मांग है कि पशुओं को छोड़ने वालों पर भी अंकुश लगना चाहिए जिससे पशुओं की तादाद में कमी आ सके। पशुओं को गोशाला में रखा जाए। इसके साथ लंपी बीमारी वाले से पीड़ित पशुओं की शिकायत मिलने पर पशु चिकित्साधिकारी को टीम को मौके पर भेजकर उसका इलाज कराना चाहिए।
उपजिलाधिकारी के हस्तक्षेप के बाद उठाया मृतक पशु
बेसहारा पशुओं में लंपी बीमारी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। शिकायत के बाद भी न तो बेसहारा पशुओं का इलाज हो रहा है और न ही मृत्यु होने के बाद उनको उठाया जा रहा है। जिस पर कई -कई दिन तक मृतक पशु सड़कों पर पड़े रहते है। ऐसा ही एक मामला नगर के विकास नगर में सामने आया। जब तीन दिन पहले लंपी बीमारी से इलाज न मिलने के कारण एक बेसहारा पशु की मृत्यु हो गई और कॉलोनी के नागरिकों की शिकायत के बाद भी ग्राम प्रधान व ब्लॉक अधिकारियों ने मृत पशु को नहीं उठवाया दो दिन पड़े रहने पर दुर्गंध आने लगी। कॉलोनी के लोगों ने उपजिलाधिकारी से शिकायत की। उसके आदेश पर दो दिन बाद मृतक पशु का शव उठाया गया।
किसान और ग्रामीण बोले- इलाज न मिलने पर पशुओं की जा रही जान
बेसहारा पशुओं में लंपी वायरस बढ़ता जा रहा है। लेकिन समय से इलाज न मिलने के कारण पशुओं की दिन प्रतिदिन मृत्यु हो रही हैं। सरकार को रोग ग्रस्त पशुओं का उपचार कराना चाहिए और मृतक को तुरंत उठाना चाहिए -सीताराम किसान
बीमारी से मरने वाले पशु सड़क किनारे या गांव के करीब में कई कई दिन तक पड़े रहते हैं। कई दिनों तक मृत पशु के न उठने के कारण दुर्गंध आनी शुरू हो जाती है जिससे ग्रामीण क्षेत्र में बीमारियां फैलने का डर सता रहा है।-शीशपाल सिंह, किसान
क्षेत्र में इतने बेसहारा पशु हो गए हैं जो फसलों को बहुत हानि पहुंचा रहे हैं। शिकायत के बाद इनको गोशाला में न रखने के कारण मजबूरी में किसानों को सर्दी के मौसम में भी अपने खेतों में फसलों की रखवाली के लिए रात गुजारनी पड़ रही है। -रामप्रकाश किसान
पशुओं के लिए सरकार ने गोशालाएं बनाई हैं लेकिन लापरवाही के कारण वहां पर पशुओं को गोशाला में नहीं रखा जा रहा है। वहीं बेसहारा पशु किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। जिम्मेदार को इस समस्या को लेकर गंभीर होना चाहिए। -पृथ्वी सिंह
बेसहारा पशु की लंपी बीमारी से मृत्यु के बाद उसको तुरंत उठाकर गढ्ढा खोदकर दबाया जाएगा। अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। -राजपाल सिंह, उपजिलाधिकारी चन्दौसी
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