अरे, आप कुछ भूल गए, हो सकता है यह कोविड का असर हो

अरे, आप कुछ भूल गए, हो सकता है यह कोविड का असर हो

यॉर्क/यूके। यह सर्वविदित है कि कोविड श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है, पर यह शायद कम ही लोग जानते हैं कि वायरस संज्ञानात्मक कार्य को भी प्रभावित कर सकता है। कोविड संक्रमण का शिकार बन चुके कई लोग आमतौर पर ब्रेन फॉग नामक एक घटना का अनुभव करते हैं, जिसमें याद रखने, ध्यान केंद्रित करने और दैनिक कार्यों को करने में समस्याएं शामिल हो सकती हैं। ब्रेन फॉग लंबे समय तक चलने वाले कोविड का लक्षण भी हो सकता है, जहां लोग संक्रमण के बाद महीनों, या वर्षों तक लगातार कोविड लक्षणों से पीड़ित रहते हैं। 

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हाल ही के एक अध्ययन में, हमने पाया कि कोविड कार्यशील स्मृति कामकाज को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है, लेकिन केवल 25 वर्ष और उससे अधिक आयु के वयस्कों में। हमारे परिणाम बताते हैं कि कोविड संक्रमण के बाद स्मृति प्रक्रिया समय के साथ ठीक हो सकती है, लेकिन जिन लोगों को कोविड के लक्षण बने हुए हैं उनके साथ अपनी कार्यशील स्मृति को लेकर कठिनाई जारी रह सकती है। 

वर्किंग मेमोरी, शॉर्ट-टर्म मेमोरी का एक रूप है, जो हमें समस्याओं को हल करने, पढ़ने या बातचीत करने जैसे कार्यों को करते समय जानकारी को स्टोर करने और पुनः प्राप्त करने में मदद करता है। इसलिए बिगड़ा हुआ कार्यशील स्मृति कामकाज किसी व्यक्ति के दैनिक जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। पिछले अध्ययनों में भी कोविड और संज्ञानात्मक कार्य के बीच एक संबंध को लेकर बात हुई है, लेकिन उन अध्ययनों में आम तौर पर कई कार्यों के साथ लंबे सर्वेक्षणों को शामिल किया गया और अक्सर केवल उन लोगों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जो कोविड संक्रमण से सबसे गंभीर रूप से प्रभावित हुए। 

हम कुछ सरल विकसित करना चाहते थे जो अधिक से अधिक लोगों को जोड़े और हमें विशेष रूप से कार्यशील स्मृति पर कोविड के प्रभाव का तेजी से आकलन करने में मदद दे। इसलिए हमने एक गुमनाम ऑनलाइन सर्वेक्षण और मेमोरी क्विज़ तैयार किया जिसे स्मार्टफोन, टैबलेट और पीसी सहित विभिन्न प्लेटफार्मों के माध्यम से जल्दी से पूरा किया जा सकता है। सर्वेक्षण में प्रतिभागियों की कोविड की स्थिति और यदि उन्हें बीमारी के किसी भी तरह के लक्षण हो तो उनके बारे में पूछे गए प्रश्नों का जवाब देने को कहा गया।

 उन्हें किसी भी संज्ञानात्मक समस्या का मूल्यांकन करने के लिए भी कहा गया था, उदाहरण के लिए चीजों को याद रखने या कार्यों पर ध्यान केंद्रित करने की उनकी क्षमता के बारे में। यह एक क्विज़नुमा विज़ुअल वर्किंग मेमोरी गेम था जहाँ प्रतिभागियों को फलों, जानवरों, संख्याओं या वस्तुओं के चित्रों को याद रखना था। हमारे सर्वेक्षण और मेमोरी क्विज़ को जल्दी से पूरा किया जा सकता है, वे संभावित रूप से उन रोगियों में मूल्यांकन उपकरण के रूप में भी उपयोग किए जा सकते हैं जिनके पास ध्यान देने की अवधि सीमित है या स्मृति को प्रभावित करने वाली अन्य स्थितियां हैं, जैसे मनोभ्रंश। स्मृति वापस आना।

 दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 के बीच हमारे अध्ययन में 5,400 से अधिक लोगों ने भाग लिया। हमारे पास 18-24 वर्ष से 85 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के प्रतिभागी थे। इनमें से तकरीबन 31.4 प्रतिशत प्रतिभागियों को कोविड हुआ था, जबकि 68.6 प्रतिशत को नहीं था। सबसे कम उम्र के समूह, 18 से 24 वर्ष के लोगों को छोड़कर हर आयु वर्ग में गैर-कोविड समूह की तुलना में कोविड समूह के लिए मेमोरी स्कोर काफी कम था। जिन लोगों को कोविड हो चुका था उन्हें यह बीमारी हए कितना समय हुआ था, इसका भी मेमोरी स्कोर पर असर हुआ। 

हमने कोविड (एक से कम 17 तक) होने के बाद के महीनों की संख्या और मेमोरी स्कोर के बीच एक सकारात्मक सहसंबंध देखा। इससे पता चलता है कि कोविड संक्रमण के बाद होने वाला स्मृति लोप समय के साथ ठीक हो सकता है। लंबे कोविड के साथ अंतर अध्ययन में शामिल जिन लोगों को कोविड हुआ था उस समूह के 50 प्रतिशत लोगों ने बीमारी के लक्षण होने की सूचना दी, और इन प्रतिभागियों की मेमोरी स्कोर कम होने की संभावना अधिक थी, उन लोगों की तुलना में जिन्हें कोविड नहीं हुआ था या जिन्हें कोविड तो हुआ था, लेकिन उनमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं थे। 

हालांकि हम यह नहीं जानते हैं कि हमारे शोध में भाग लेने वाले कौन से कोविड वेरिएंट से संक्रमित थे, हमने अध्ययन ऐसे समय में किया जब ओमिक्रॉन के उभरने से पहले अल्फा और डेल्टा प्रचलन में प्रमुख वेरिएंट थे। रोजमर्रा के कामकाज के लिए जरूरी स्मृति पर ओमिक्रॉन वेरिएंट के प्रभाव को निर्धारित करने के लिए और साथ ही टीकाकरण एक सुरक्षात्मक भूमिका निभा सकता है या नहीं, इसके लिए हमें और अधिक शोध की आवश्यकता है। 

हमारा अध्ययन यह भी नहीं बता सकता है कि कोविड संक्रमण के बारे में ऐसा क्या है जो स्मृति लोप और ब्रेन फॉग का कारण बनता है। भविष्य के अध्ययन उन लोगों की मस्तिष्क गतिविधि को मापने पर ध्यान केंद्रित करेंगे जिन्हें लॉंग कोविड है।

उम्मीद है कि यह दृष्टिकोण हमें नई अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा कि कैसे लंबे समय तक कोविड वाले लोगों में कोविड मस्तिष्क को प्रभावित करता है। हमारी खोज यह है कि समय के साथ कामकाजी याददाश्त में सुधार होता है, लेकिन जिन लोगों में कोविड के लक्षण बने हुए हैं उनमें कामकाजी स्मृति ख़राब हो सकती है, हम सुझाव देंगे कि लंबे समय तक कोविड का सामना करने वाले रोगियों के इलाज के दौरान स्मृति लोप के पहलू पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।

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