शहबाज शरीफ के बेटे सुलेमान को राहत, इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने दी 14 दिन की सुरक्षात्मक जमानत

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Published By Priya
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इस्लामाबाद। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) ने मंगलवार को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के भगोड़े घोषित पुत्र सुलेमान शहबाज को धनशोधन मामले और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के दो अलग-अलग मामलों में 14 दिन की ‘सुरक्षात्मक जमानत’ दी गयी। सुरक्षात्मक जमानत किसी दूसरे प्राधिकरण द्वारा गिरफ्तारी आदेश पर रोक के लिए दी जाती है। 

सुलेमान शहबाज चार वर्ष तक स्वयं चुने गए निर्वासन का जीवन जीने के बाद रविवार को स्वदेश वापस लौटे। इस दौरान वह लंदन में रह रहे थे। पाकिस्तान में 2018 में आम चुनाव से पहले राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने सुलेमान शहबाज के विरुद्ध मनी लाॅड्रिंग और भष्टाचार से जुड़े दो मामले दर्ज किए थे। उनको दोनों ही मामलों में अदालत ने भगोड़ा अपराधी घोषित किया है। 

पिछले सप्ताह इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने सुरक्षात्मक जमानत के लिए सुलेमान शहबाज की याचिका पर सुनवाई करते हुए एनएबी और एफआईए को उन्हें दो सप्ताह तक गिरफ्तार करने से रोक दिया था ताकि वह निचली अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर सके। इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आमेर फारुक ने हालांकि उस दिन पाया कि आरोपी के सशरीर उपस्थिति के बिना सुरक्षात्मक जमानत नहीं दी जा सकती।

 न्यायाधीश ने सुलेमान शहबाज को 13 दिसंबर तक उच्च न्यायालय के समक्ष आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था। दोनों मामलों में सुरक्षात्मक जमानत के लिए उनकी अपील पर आज इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में अलग-अलग सुनवाई की गई। एफआईए द्वारा दर्ज मामले में सुलेमान की जमानत के लिए उनके अधिवक्ता अमजद परवेज उच्च न्यायालय के समक्ष पेश हुए। 

उनके वकील ने न्यायालय को बताया कि उनके मुवक्किल को लाहौर की एक विशेष अदालत में पेश होना था, जो उनके खिलाफ 16 अरब रुपये के धन शोधन मामले की सुनवाई कर रही है। न्यायाधीश ने सुलेमान शहबाज की 14 दिन की सुरक्षात्मक जमानत को मंजूरी दे दी और उसे निर्धारित समय के भीतर संबंधित अदालत में पेश होने का आदेश दिया। 

बाद में सुलेमान एनएबी के मामले के संदर्भ में सुरक्षात्मक जमानत लेने के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश आमेर फारूक और न्यायमूर्ति सरदार एजाज इशाक खान की खंडपीठ के समक्ष उपस्थित हुए। उनके वकील परवेज सुनवाई के दौरान मौजूद थे। जहां सुलेमान शहबाज की 14 दिन की सुरक्षात्मक जमानत मंजूर की गई।

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