आतंक के विरुद्ध

Amrit Vichar Network
Published By Vikas Babu
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दुनिया में शांति एवं प्रगति के रास्ते को आतंकवाद बाधित कर रहा है। आतंकवाद के खतरों का नए क्षेत्रों में विस्तार हो रहा है, जिससे लाखों-करोड़ों लोगों का जीवन प्रभावित हो रहा है। आतंकवादी गुटों को हो रहे लगातार नुकसान के बावजूद आतंकवाद का अधिक प्रसार और भौगोलिक रूप से विस्तार हुआ है। आतंकी गुटों की गतिविधियों के कारण मध्य व दक्षिणी अफ्रीका में और अफ्रीकी महाद्वीप के अन्य क्षेत्रों में सुरक्षा परिस्थितियां बदतर हुई हैं।

आतंकी गुट अफगानिस्तान में भी सक्रिय हैं, जहां वे क्षेत्र और उससे परे भी स्थिरता के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर रहे हैं। चिंता की बात है कि तालिबान प्रशासन ने देश में पनाह लेने वाले आतंकी गुटों के साथ अपने संबंध अब भी बना रखे हैं। आतंकवादी अवसरवादी ढंग से स्वयं को ढाल रहे हैं।

गैरकानूनी वित्तीय लेनदेन का सहारा ले रहे हैं और अन्य आपराधिक गतिविधियों में लिप्त हैं। आतंकवाद से निपटने के लिए वैश्विक प्रयासों को गति प्रदान करने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सुरक्षा परिषद को आतंकवाद से निपटने के प्रयासों की अगुवाई करनी होगी।

 विश्व लगातार उन देशों, संगठनों व लोगों की निंदा करता है जो आतंकवादी कृत्यों में संलिप्त हैं। हमारे पड़ोस में जो कुछ हो रहा है, उसे भी अनदेखा नहीं किया जा सकता है। भारत लंबे समय से प्रायोजित आतंकवाद से प्रभावित रहा है। सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया पाकिस्तान को आतंकवाद के केंद्र के रूप में देखती है और पाकिस्तान को अपनी हरकतों में सुधार कर एक अच्छा पड़ोसी बनने की कोशिश करनी चाहिए।

उन्होंने कहा ओसामा को पनाह देने वाला और संसद में आतंकी हमला कराने वाला देश उपदेश देने की बजाय आतंक विरोधी कदम उठाकर लड़ाई में साथ दे। वास्तव में इस चुनौती पर पार पाने के लिए सामूहिक तौर-तरीकों में भी नए सिरे से बदलाव करने होंगे। रोकथाम कार्रवाई के तहत क्षेत्रीय तंत्रों को मज़बूती प्रदान करना व जिन परिस्थितियों में आतंकवाद पनपता है, समग्र-समाज के स्तर पर उन जटिल परिस्थितियों से निपटना शामिल है।

आतंकवाद-रोधी जवाबी कार्रवाई की बुनियाद में मानवाधिकारों पर ध्यान केन्द्रित करना भी आवश्यक है। आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय कानून जरूरी है। दुनिया के सभी देशों को मिलकर पहल करने की जरूरत है तभी शांति और स्थिरता कायम की जा सकती है। यानि वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला वैश्विक सामूहिक प्रयासों से ही हो सकता है।