अवैध धर्मांतरण मामला : पंद्रह अभियुक्तों पर कोर्ट ने आरोप किया तय

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Published By Vinay Shukla
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अमृत विचार, लखनऊ। आर्थिक रूप से दुर्बल लोगों को प्रलोभन और धोखा देकर हजारों गैर मुस्लिमों का अवैध धर्मांतरण कराने के मामले में एटीएस द्वारा आरोपी बनाए गए मौलाना कलीम सिद्दीकी, मोहम्मद उमर गौतम, मोहम्मद इदरिश क़ुरैशी, सरफराज अली जाफरी, मोहम्मद सलीम, आसिफ उर्फ कुणाल अशोक चौधरी, सलाहुद्दीन, अब्दुल्ला उमर समेत पंद्रह अभियुक्तों पर एनआईए-एटीएस के विशेष न्यायाधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने मंगलवार को आरोप तय कर दिया है। कोर्ट ने मामले में गवाही के लिए 3 जनवरी 2023 की तारीख तय की है।

 सभी पंद्रह आरोपियों को जेल से लाकर कोर्ट में पेश किया गया। जहां पर कोर्ट ने आरोपियों को आरोप पढ़कर सुनाए जिसे आरोपियों ने इनकार किया और मुकदमे के विचारण की मांग की। कोर्ट को सरकारी वकील एमके सिंह ने बताया कि आरोपियों पर आरोप है कि उनके द्वारा आपराधिक साजिश के तहत देशव्यापी अवैध धर्मांतरण कराने का गिरोह संचालित किया जा रहा था।

इस गिरोह के द्वारा आर्थिक रूप से कमजोर, दिव्यांगजन व औरतों को बहला-फुसलाकर, डराकर, बलपूर्वक और नाजायज दबाव डाल कर धर्मांतरण किया जा रहा था। कहा गया कि धर्मांतरित व्यक्ति वापस मूल धर्म में वापस न जाये और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल हो इसके लिए कार्यशाला और प्रशिक्षण दिया जाता था जिसके चलते विभिन्न धर्मों के बीच आपसी वैमनस्यता और कटुता बढे़।

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